अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने बुधवार को चीन की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को पहले के 4.6 फीसदी से बढ़ाकर पांच फीसदी कर दिया है. हालांकि, वैश्विक संस्था ने आगाह किया है कि वृद्धावस्था और उत्पादकता वृद्धि में कमी के कारण 2029 तक यह घटकर 3.3 फीसदी रह जाएगी. IMF ने सुझाव दिया है कि आर्थिक सुधारों को जारी रखने के लिए उत्पादकता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. IMF द्वारा पांच फीसदी की वृद्धि दर का संशोधन चीन सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप है. 

रियल एस्टेट क्राइसिस से जूझ रहा चीन

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विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था संपत्ति क्षेत्र के संकट और अत्यधिक औद्योगिक क्षमता के कारण मंदी से जूझ रही है. IMF की प्रथम उप-प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने चीन की आर्थिक नीतियों की वार्षिक समीक्षा के बाद यहां मीडिया को बताया, “चीन की आर्थिक वृद्धि 2024 में पांच फीसदी पर स्थिर रहने का अनुमान है और 2025 में यह धीमी होकर 4.5 फीसदी पर आ जाएगी.” संपत्ति बाजार में मंदी और घरेलू मांग में कमी के बावजूद पहली तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था 5.3 फीसदी की दर से बढ़ी. 

2029 तक ग्रोथ रेट 3.3% तक घट जाने की संभावना

गोपीनाथ ने कहा, “अप्रैल के अनुमानों की तुलना में दोनों साल के लिए 0.4 फीसदी अंक का संशोधन मजबूत पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) आंकड़ों और हालिया नीति उपायों से प्रेरित है.” गोपीनाथ ने IMF के अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर चीन के वित्त मंत्रालय और बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की और देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की. उन्होंने कहा, “मध्यम अवधि में आबादी की बढ़ती उम्र और धीमी उत्पादकता वृद्धि के कारण 2029 तक वृद्धि दर घटकर 3.3 फीसदी रहने की आशंका है.” 

रियल एस्टेट को सुधारने में लगा है चीन

चीन का संपत्ति क्षेत्र पिछले कुछ साल में देश की अर्थव्यवस्था का प्रमुख हिस्सा रहा है. हालांकि, इसके अपनी कमज़ोरी पर बने होने के कारण व्यापक संकट पैदा हो रहा है. लंबे समय तक असमंजस में रहने के बाद चीन ने अंततः इसी महीने अपने विशाल संपत्ति क्षेत्र के लगभग ढह जाने की स्थिति से निपटने के लिए कदम उठाया. उसने बिना बिके घरों को वापस खरीदने और बेकार पड़ी जमीनों को खरीदने के लिए अरबों डॉलर आवंटित किए, ताकि अपने दिवालिया हो चुके रियल एस्टेट क्षेत्र को फिर खड़ा किया जा सके.