अमेरिका ने भारत से कहा है कि यदि वह व्यापार के क्षेत्र में बेहतर प्रस्ताव के साथ आगे आता है तो उसके लिये दरवाजे खुले हैं. अमेरिका का मानना है कि द्विपक्षीय संबंधों में व्यापार परेशानी वाला क्षेत्र रहा है. इसे देखते हुए यदि भारत व्यापार और बेहतर बाजार पहुंच से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने के लिए गंभीर प्रस्ताव रखता है तो उसके लिए विकल्प खुले हैं.

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पिछले साल नंवबर में ट्रंप सरकार ने भारत के साथ व्यापार से जुड़े मुद्दों पर सख्त रुख अपनाते हुए भारत से आयात होने वाले कम से कम 50 उत्पादों के आयात पर मिली शुल्क मुक्त रियायत को हटा दिया था. इनमें अधिकांश कृषि और हथकरघा क्षेत्र के उत्पाद शामिल हैं. 

भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है अमेरिका 

अमेरिका के विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका इस समय भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है और उसे भारत का अहम आर्थिक साझेदारी होने पर गर्व है. ‘‘लेकिन हम ऐसी नियामकीय दिक्कतों से जूझ रहे हैं जो अमेरिकी कंपनियों और उत्पादों के लिए बाजार पहुंच तथा कारोबारी सुगमता के रास्ते में आड़े आती हैं.’’ उन्होंने कहा, "वास्तव में व्यापार एक ऐसा क्षेत्र है, जो दोनों देशों के रिश्तों संबंधों में निराशा पैदा करता है लेकिन अगर भारत व्यापार के क्षेत्र में गंभीर प्रस्ताव लेकर आता है तो उसके लिए दरवाजे खुले हैं." 

भारत से आश्वासन का इंतजार

अधिकारी ने कहा कि भारत सरकार के साथ करीब एक साल से बहुत अच्छे संबंध होने के बावजूद भारत ने यह आश्वस्त नहीं किया कि वह अमेरिका को अपने बाजार में उचित और समान पहुंच प्रदान करेगा. इसी के चलते अमेरिका ने भारत को तरजीही व्यापार व्यवस्था से बाहर कर दिया. अधिकारी ने कहा, "हम इस बात से खुश हैं कि भारत में अमेरिका के बढ़ते निर्यात खासकर कच्चे तेल और एलएनजी निर्यात के कारण पिछले साल हमारे द्विपक्षीय व्यापार घाटे में 7.1 प्रतिशत की कमी आई है. हालांकि, हमारे व्यापारिक संबंधों में कई संरचनात्मक चुनौतियों का समाधान होना अभी बाकी है." 

अब भारत को उठाना है कदम

भारत के विदेश सचिव की हाल ही में हुई यात्रा सामरिक, रक्षा और क्षेत्रीय मुद्दों विशेषकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान पर केंद्रित थी लेकिन समझा जाता है कि उन्हें संकेत दे दिया गया है कि व्यापार से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए अब भारत को कदम उठाना है. माना जा रहा है कि अमेरिका ने भारत को स्पष्ट कर दिया है यदि अमेरिकी उत्पादों और कंपनियों के लिये भारत बाजार पहुंच के रास्ते में आने वाले दिक्कतों को दूर करने के लिये कोई गंभीर प्रस्ताव लेकर आता है तो ट्रंप सरकार भारत को तरजीही व्यापार व्यवस्था से बाहर करने के अपने फैसले की समीक्षा करने के लिए तैयार है. 

अमेरिका पिछले एक साल से बेहतर बाजार पहुंच को लेकर जोर दे रहा है. अमेरिका ने कुछ भारतीय उत्पादों के निर्यात पर लागू सामान्यीकृत तरजीही प्रणाली (जीएसपी) का जो दर्जा वापस लेने की घोषणा की है वह अभी 60 दिन की निगरानी अवधि में हैं. इसके बाद इसे औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया जाएगा.