Chinese companies in india: भारत में चीन की कंपनियों पर टैक्स बकाया या इससे जुड़ी मुद्दों को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापेमारी की है. इस पर चीन ने ऐतराज किया है. न्यूज एजेंसी IANS की खबर के मुताबिक, चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में चीनी विश्लेषकों ने कहा है कि भारत सरकार को अपने देश में चीनी कंपनियों के वैलिड अधिकारों और हितों की रक्षा करनी चाहिए. आयकर विभाग की छापेमारी के बाद चीन ने निराशा व्यक्त की है.

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चीनी विशेषज्ञों ने कहा- भारत में कारोबारी माहौल कठोर

खबर के मुताबिक, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी कंपनियों का संचालन फिलहाल सामान्य है, लेकिन संबंधित कंपनियां अपने भारतीय कर्मचारियों को आश्वस्त करना चाहती हैं, क्योंकि जांच से कुछ चिंताएं पैदा हुई हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है, लेकिन कुछ चीनी विशेषज्ञों ने गुरुवार को दोहराया कि भारत में कारोबारी माहौल न केवल चीनी कंपनियों के लिए बल्कि सभी विदेशी कंपनियों के लिए कठोर है. चीनी एक्सपर्ट ने बताया कि भारत में गैर-बाजार कारकों (नॉन मार्केट फैक्टर्स) का उन पर बड़ा और अप्रत्याशित प्रभाव पड़ेगा. कई समस्याएं पैदा होंगी. कई पश्चिमी कंपनियां पहले ही इस वजह से देश से बाहर जा चुकी हैं.

सावधानी बरतने की भी सलाह

एक्सपर्ट ने चीनी कंपनियों से भारत में निवेश करने और व्यापार करने में सावधानी बरतने की भी सलाह दी है. इसके साथ ही उन्होंने कंपनियों से कहा है कि अगर वे वहां रहना चाहती हैं तो उन्हें स्थानीय कानूनों का सख्ती से पालन करना चाहिए और अधिकारियों के लिए कार्रवाई करने का कोई बहाना नहीं छोड़ना चाहिए.

ओप्पो और शाओमी के यहां पड़े छापे 

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बीते गुरुवार को ओप्पो (Oppo) और शाओमी (Xiaomi) से जुड़े राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), मुंबई, राजकोट और कर्नाटक में 20 से ज्यादा परिसरों की तलाशी (IT raids on Chinese companies in India) ली थी. चीनी कंपनी वनप्लस के ऑफिस में भी तलाशी ली गई, जो ओप्पो में मर्ज हो गई है लेकिन एक अलग ब्रांड के रूप में काम करती है. बीजिंग में सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान में अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा, भारत के टैक्स कानून बहुत जटिल हैं और हाल के सालों में कई भारतीय कंपनियों और कुछ संयुक्त उद्यम उद्यमों की भी टैक्स मुद्दों पर जांच की गई है.

जांच मुख्य रूप से आर्थिक वजहों से होने की संभावना

कियान ने कहा कि हालांकि लेटेस्ट जांच मुख्य रूप से आर्थिक वजहों से होने की संभावना है, मगर राजनीतिक प्रभाव की संभावना अभी भी मौजूद है, क्योंकि सरकार में अत्यधिक चीन विरोधी ताकतें हैं और वे भारत में चीनी कंपनियों (Chinese companies in india) से संबंधित मामलों को भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण से देखेंगे. शंघाई में फुडन विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संस्थान के प्रोफेसर लिन मिनवांग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि जांच बिल्कुल भी आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि भारतीय अधिकारियों, विशेष रूप से कुछ स्थानीय सरकारों में, इस बात की परवाह नहीं है कि चीनी कंपनियां कैसा महसूस करती हैं. 

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चीनी कंपनियों का है कहना

ग्लोबल टाइम्स को गुरुवार को भेजे गए एक बयान में शाओमी के एक प्रवक्ता ने कहा कि एक जिम्मेदार कंपनी के रूप में, हम यह सुनिश्चित करने के लिए इस बात को हम प्राथमिकता देते हैं कि हम सभी भारतीय कानूनों का अनुपालन करते हैं. भारत में एक निवेशित भागीदार के रूप में, हम यह सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं कि उनके पास सभी जरूरी जानकारी है. अधिकारियों की ओर से चीनी वेंडर्स के साथ, उनके अनुबंध निर्माताओं की भी तलाशी ली गई. फॉक्सकॉन ने कहा कि वह इस मामले को देख रहे हैं.