Afghanistan news: अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति (Afghanistan Vice President) ने दावा किया है कि अब वह देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं. सप्ताह के आखिर में काबुल में तालिबान के प्रवेश करने के साथ राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ कर चले गए हैं. उन्होंने कहा कि उनका कोई अता-पता नहीं चलने के बाद वह अब देश के लीगल कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, अमरूल्ला सालेह (Amrullah Saleh) ने मंगलवार को ट्विटर पर यह अनाउंसमेंट की. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का संविधान उन्हें इसकी घोषणा करने की शक्ति देता है.

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सभी नेताओं से संपर्क साध रहे हैं 

अमरुल्लाह सलेह ने लिखा है कि वह सभी नेताओं से संपर्क साध रहे हैं ताकि उनका समर्थन हासिल किया जा सके और सहमति बनाई जा सके. फिलहाल, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और शांति परिषद प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला सहित कई अफगान नेता काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से बातचीत कर रहे हैं.

अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने की जल्दबाजी में नहीं है रूस

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को कहा कि उनका देश अफगानिस्तान में नई तालिबान सरकार को मान्यता देने की जल्दबाजी में नहीं है. साथ ही, उन्होंने युद्धग्रस्त देश में सभी राजनीतिक ताकतों की एक बातचीत की अपील की. लावरोव ने कहा कि रूस दूसरे सभी देशों की तरह ही है और तालिबान सरकार को मान्यता देने की जल्दबाजी में नहीं है.

ब्रिटेन अफगानिस्तान में मानवीय सहायता बढ़ाएगा

ब्रिटिश विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा कि सरकार की अफगानिस्तान में मानवीय सहायता शायद दस प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना है. राब ने कहा कि अफगानिस्तान में विकास और मानवीय उद्देश्यों के लिए सहायता बजट को फिर से तय किया जाएगा और तालिबान को सुरक्षा के लिए पहले से निर्धारित धनराशि नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम आम अफगानों को मानवीय राहत प्रदान करने पर कोई शर्त रखेंगे. उन्होंने कहा कि सहायता तालिबान द्वारा शासन जैसे कुछ मानदंडों को पूरा करने पर आधारित नहीं होगी.

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