Year Ender 2023: ISRO के लिए बहुत शानदार रहा ये साल, इन उपलब्धियों ने दुनिया को बताया- 'हम किसी से कम नहीं'
साल 2023 अंतरिक्ष की दुनिया में ऐसी कई उपलब्धियां देकर गया है, जिन्होंने दुनियाभर को भारत की ताकत का अहसास कराया है और ये संदेश दिया है कि 'हम किसी से कम नहीं'.
साल 2023 हम सभी को गुडबाय करने वाला है. जाते हुए साल में तमाम अच्छी-बुरी यादें भी जेहन में ताजी हो जाती हैं. भारतीय वैज्ञानिकों के लिए ये साल बहुत यादगार रहा है. साल 2023 अंतरिक्ष की दुनिया में ऐसी कई उपलब्धियां देकर गया है, जिन्होंने दुनियाभर को भारत की ताकत का अहसास कराया है और ये संदेश दिया है कि 'हम किसी से कम नहीं'. Year Ender 2023 में आइए एक नजर डालते हैं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की इन उपलब्धियों पर-
Chandrayaan-3
ISRO की उपलब्धियों में सबसे पहला नाम चंद्रयान-3 का है. ये इसरो का मून मिशन था. Chandrayaan-3 के जरिए भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में नया इतिहास रचा. इस मिशन की सफलता के साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला पहला देश बना. वहीं चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया. भारत से पहले अमेरिका, चीन और रूस ही चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर पाए थे. चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च हुआ था. इसके बाद चंद्रयान-3 ने अपनी यात्रा में 42 दिन का समय लगाया. इस यान के लैंडर मॉड्यूल विक्रम ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास की सतह पर 23 अगस्त 2023 को भारतीय समय अनुसार सायं 06 बजकर 04 मिनट के आसपास सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की.
Aditya-L1
चंद्रयान के बाद इसरो के लिए दूसरी बड़ी सफलता आदित्य एल-1 की सफल लॉन्चिंग रही. ये एक सौर मिशन है. इस सूर्य मिशन को शनिवार (2 सितंबर) सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया. ये 4 महीने का सफर पूरा करते हुए L1 पॉइंट तक पहुंचेगा. बता दें कि इसरो का आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान अपने अंतिम चरण के करीब है और एल1 बिंदु में प्रवेश करने की प्रक्रिया सात जनवरी, 2024 तक पूरी होने की उम्मीद है. इसरो के अनुसार, आदित्य-एल 1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली स्पेस बेस्ड इंडियन लेबोरेट्री होगी. आदित्य-एल1 मिशन का उद्देश्य L1 के चारों ओर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है.
Gaganyaan
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चंद्रयान और आदित्य एल-1 के बाद इसरो अपने पहले मानव मिशन गगनयान की तैयारी कर रहा है. पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान 2025 में होने की संभावना बताई जा रही है. इससे पहले इसरो की ओर से कई परीक्षण करेगा, ताकि गगनयान मिशन में जब इंसानों को भेजा जाए तो उनकी सुरक्षा में कहीं भी चूक की कोई गुंजाइश न रहे और वो पूरी तरह से सुरक्षित रहें. इस कड़ी में 21 अक्टूबर को इसरो ने मिशन गगनयान की टेस्ट फ्लाइट TVD1 को सफलतापूर्वक पूरा किया. गगनयान मिशन की पहली टेस्ट उड़ान में इसरो क्रू मॉड्यूल को आउटर स्पेस तक भेजा गया और इसके बाद इसे वापस जमीन पर लौटाया गया.
इस परीक्षण के जरिए वैज्ञानिकों ने ये चेक किया कि अबॉर्ट ट्रैजेक्टरी क्या ठीक तरह से काम कर रही है या नहीं. अगर मिशन के दौरान रॉकेट में कोई खराबी आ जाती है तो एस्ट्रोनॉट कैसे सुरक्षित रूप से लैंड करेंगे. इसरो के मुताबिक पहली टेस्ट फ्लाइट के बाद तीन और टेस्ट फ्लाइट D2, D3 और D4 भेजी जाएंगी. इसके बाद गगनयान मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया जा सकता है. अनमैन्ड मिशन में ह्यूमेनॉयड रोबोट यानी बिल्कुल इंसानी शक्ल के रोबोट व्योममित्र को भेजा जाएगा. यानी इसरो वास्तविक मानवयुक्त मिशन से पहले कई परीक्षण करेगा. इसके बाद इंसान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.
12:36 PM IST