बड़ी ट्रिप पर जाने का प्लान बजट की वजह से नहीं होगा कैंसिल.. जानें BNPL से कितना अलग है TNPL का ऑप्शन, कैसे करें इसे यूज
अगर आप ट्रैवल के शौकीन हैं, तो आप एकदम से बने ट्रेवलिंग प्लान में आने वाली परेशानियों को जानते होंगे. ऐसे मौकों पर फाइनेंशियल जरुरत के लिए Travel Now Pay Later एक जबरदस्त ऑप्शन है.
अगर आप किसी खास मौके के लिए देश से बाहर ट्रैवल करने का प्लान कर रहें हैं तो ऐसे में कई बार बैंक से ट्रैवलिंग के लिए लोन लेना आसान नहीं होता है. इसके लिए बैंक के चक्कर लगाने से लेकर तमाम तरह की फॅार्मेलिटी से होकर गुजरना होता है. लेकिन आज के दौर में लगभग पूरी दुनिया डिजटल हो गई है. इस को देखते हुए कई डिजिटल लेंडर सामने आएं हैं जो ट्रेवलिंग के लिए नई-नई स्कीम ला रहें हैं. लोन लेने की बोझिल प्रोसेस से गुजरने के डर को दूर करने के लिए डिजिटल लेंडर ने कुछ नई लोन स्कीम भी लॅान्च की हैं. जिस तरह से आप बाई नाउ पे लेटर (BNPL) का यूज करके किसी बड़े मौके के लिए गहने या सामान खरीदने के लिए लोन ले सकते हैं. इसी तरह से कुछ लोन प्रोवाइडर ने Travel Now Pay Later (TNPL) को लॅान्च किया है. ये एक तरह से लोन की तरह काम करता है. इसका यूज आप किसी होटल बुकिंग या अपनी ट्रिप को बुक करने के लिए कर सकते हैं. इसका फायदा ये है कि आप इसकी मदद से बिना कुछ पेमेंट करें या थोड़ा अमाउंट दे कर बुकिंग कर सकते हैं. साथ ही आप अपने लोन को इंस्टॅालमेंट की तरह पे कर सकते हैं.
क्या है Travel Now Pay Later स्कीम
ये स्कीम आपको अपने ट्रैवल शुरू करने से पहले मिनिमम या बिना किसी एडवांस के क्रेडिट पर ट्रेवल करने की परमिशन देती है. आपको ट्रेवल के बाद लोन की शर्तों के आधार पर रिपेमेंट करना होता है. टीएनपीएल स्कीम बैंक, फिनटेक संस्थान, ट्रैवल कंपनियां, ट्रैवल एग्रीगेटर देते हैं. बड़े अमाउंट के लोन के लिए एक महीने से छह महीने की ड्यूरेशन में लोन स्टार्ट होता है. ये 18 महीने तक के लिए एक्स्टेंड हो सकता है. कुछ कंपनी क्रेडिट की पेशकश करते हैं और ट्रेवल के बाद ही रिपेमेंट शुरू करते हैं. कुछ कंपनियां बैंकों और एजेंसियों को ट्रेवल शुरू करने से पहले एक तय प्रतिशत पर डाउन पेमेंट की डिमांड कर सकती हैं. लोन देने वाले इंस्टिट्यूट के आधार पर मिनिमम रिपेमेंट टेन्योर वाले लोन पर 1-2.5% तक इंटरेस्ट लगता है. जितना बड़ा लोन का अमाउंट होगा उतनी ज्यादा ही रिपेमेंट टेन्योर होगी. इसके साथ इंटरेस्ट भी उतना ही ज्यादा लगेगा. नो कॉस्ट ईएमआई एक अच्छा ऑप्शन है. लेकिन इसके लिए क्रेडिट स्कोर ज्यादा होना चाहिए. और लोन के अमाउंट और रिपेमेंट पीरियड का भी एक साथ होना जरुरी है. अगर आप देर से पेमेंट करते हैं या पेमेंट मिस कर देते हैं तो इस कंडीशन में पेनल्टी लगेगी और आपके क्रेडिट स्कोर पर भी इफेक्ट पड़ेगा.
क्या है एलिजिबिलिटी
लोन की एलिजिबिलिटी की तरह ही बैंकों और फिनटेक संस्थानों ने इसके लिए एक पैमाना तैयार किया है. इसमें आपकी वर्तमान आय, आयु, क्रेडिट स्कोर, नौकरी के टाइप, बिजनेस आदि को ध्यान में रखा जाता है. इसमें कई तरह के ऑप्शन होते हैं इसलिए आप अपने मुताबिक ऑप्शन सिलेक्ट कर सकते हैं.