घूमने के शौकीन लोगों को जब भी घूमने का मौका मिलता है गाड़ी लेकर कहीं भी पहुंच जाते हैं. लेकिन जरा सोचिए कि आप कहीं पर गाड़ी लेकर जाएं और आपको वहां गाड़ी चलाने के लिए एक भी सड़क ही न मिले, तो क्‍या करेंगे? आपके लिए ऐसी जगह की कल्‍पना करना भी मुश्किल होगा. लेकिन दुनिया में एक जगह वास्‍तव में ऐसी है जहां पर आपको एक भी सड़क नहीं दिखेगी. गलियों में सड़क की जगह नहरों और झीलों का पानी है और लोग अपने सारे काम नाव के जरिए करते हैं. हैरानी की बात तो ये है कि यहां रहने वाले लोगों को सड़क की कोई चाह भी नहीं है. ये जगह इतनी खूबसूरत है कि दूर-दूर से टूरिस्‍ट यहां आते हैं. आइए आपको बताते हैं इस जगह के बारे में-

'नीदरलैंड का वेनिस' कहलाता है ये गांव

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हम जिस जगह की बात कर रहे हैं, वो भारत में नहीं, नीदलैंड में है. ये नीदरलैंड का छोटा सा गांव है, जिसका नाम है गिथॉर्न (Giethoorn). ये गांव इतना खूबसूरत है कि आप अगर घूमने जाएंगे तो वापस लौटने का मन ही नहीं करेगा. इस गांव में आपको एक भी सड़क नहीं मिलेगी. सड़क नहीं होने के कारण यहां बाइक-कार या कोई अन्‍य वाहन देखने को भी नहीं मिलता. हर तरफ बस नहर है जिसमें लोग नाव के जरिए एक जगह से दूसरी जगह पर काम करने के लिए जाते हैं. ये जगह 'नीदरलैंड का वेनिस' के नाम से भी प्रसिद्ध है.

सड़क न होने की वजह

गिथॉर्न गांव में एक भी न होने के पीछे भी एक वजह है. दरअसल ये गांव 1230 में बसा था. ऐसा कहा जाता है कि उस समय ईंधन में उपयोग किए जाने वाले एक प्रकार के घास को एक छोर से दूसरे छोर पर ले जाने के लिए एक मीटर गहरे इन नहरों को बनाया गया था. लेकिन खुदाई के दौरान यहां कई तालाब और झीलें बन गईं और नाव के जरिए लोग आने-जाने लगे. धीरे-धीरे यहां के लोगों को इस जीवनशैली की आदत हो गई. अब उन्‍हें सड़क की कोई जरूरत महसूस ही नहीं होती और आज ये जगह दुनियाभर में एक खूबसूरत पर्यटक स्थल के रूप में मशहूर है.

3000 लोगों की आबादी

बताया जाता है कि इस गांव में करीब 3000 लोग रहते हैं. कार-मोटर वगैरह न होने के कारण ये जगह एकदम शांत है. यहां की नहरों में इलेक्ट्रिक मोटर से नाव चलती हैं, जिसके जरिए लोग कहीं आते जाते हैं और उसका शोर बहुत ज्‍यादा नहीं होता. इसके अलावा यहां आपको प्रदूषण भी नहीं मिलेगा. इसे यूरोप का जीरो प्रदूषण वाला गांव कहा जाता है.

स्‍थानीय लोगों के पास है खुद की नाव

यहां रहने वाले लोगों के पास अपनी खुद की छोटी-छोटी नाव हैं. अगर कोई सैलानी यहां आता भी है तो उसे अपनी कार को गांव के बाहर ही छोड़ना पड़ता है और बोट के सहारे गांव में घूमना पड़ता है. गांव में 180 से ज्यादा पुल मौजूद हैं. जिसके जरिए लोग नहर को पार करते हैं. ये पुल गांव की खूबसूरती को और भी बढ़ा देते हैं. साल भर यहां सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है.

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