भारत की वो जगह..जो खूबसूरती के मामले में स्विटजरलैंड को भी दे दे मात, लेकिन यहां भारतीयों को जाने की इजाजत नहीं
भारत में ऐसी कई जगह हैं जिनकी तुलना स्वर्ग से की जाती है. इन्हीं में से एक है शक्सगाम घाटी. लोग इस घाटी की खूबसूरती की तुलना स्विटजरलैंड से करते हैं. लेकिन यहां भारतीय लोगों को जाने की इजाजत नहीं है. जानिए इसकी वजह.
प्राकृतिक खूबसूरती के लिहाज से देखें तो भारत में ऐसी तमाम जगहें हैं जो इतनी खूबसूरत हैं कि उनकी तुलना स्वर्ग से की जाती है. देश और विदेश के तमाम लोग आए दिन इन जगहों का दीदार करने के लिए आते हैं. ऐसी ही एक जगह है शक्सगाम घाटी. लोग इस घाटी की खूबसूरती की तुलना स्विटजरलैंड से करते हैं. कहा जाता है कि अगर आप इस जगह पर एक बार चले जाएं तो स्विटजरलैंड भी फीका लगने लगेगा. लेकिन इस खूबसूरत घाटी में भारतीयों को जाने की अनुमति नहीं है. जानिए इसकी क्या वजह है.
कहां है शक्सगाम घाटी?
शक्सगाम घाटी का नाम हो सकता है कि आपने पहली बार सुना हो. कश्मीर के उत्तरी काराकोरम पर्वतों के बीच से होकर गुजरने वाली शक्सगाम नदी के दोनों ओर फैले इलाके को ही शक्सगाम वैली के नाम से जाना जाता है. घाटी करीबन 5,800 वर्ग किमी के इलाके में फैली हुई है. ये घाटी इतनी खूबसूरत बताई जाती है कि एक बार अगर कोई यहां पहुंच जाए तो उसका वापस आने का मन न करे.
बहुत दुर्गम है रास्ता
इस घाटी तक पहुंचने का मार्ग बहुत दुर्गम है. ये इलाका इतना ऊंचा है कि आप आसानी से यहां तक नहीं पहुंच सकते. यही वजह है कि आज भी शक्सगाम घाटी लोगों की पहुंच से दूर है और यहां की खूबसूरती अब भी बरकरार है. यहां भारत, चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान की सीमाएं एक हो जाती हैं. शक्सगाम घाटी को ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट के नाम से भी जाना जाता है.
इस घाटी को लेकर ये है विवाद
शक्सगाम घाटी को आधिकारिक रूप से भारत अपना हिस्सा मानता है. भारत के नक्शे में ये घाटी आपको देखने को मिल जाएगी. ये जगह भारत-चीन बॉर्डर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर सियाचिन के पास मौजूद है. लेकिन 1963 से ये हिस्सा चीन के कब्जे में है. दरअसल 1947-48 में हुए भारत-पाक युद्ध में पकिस्तान ने इस पर कब्जा कर लिया था. लेकिन मार्च 1963 को चीन-पाकिस्तान के बीच हुए सीमा समझौते में पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाली शक्सगाम घाटी चीन को सौंप दी थी.
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