India vs New Zealand: खराब प्रदर्शन किया तो नहीं बख्शेंगे शिखर धवन, कप्तानी मिलने के बाद दिखाए तेवर!
India vs New Zealand 1st ODI: शिखर धवन के लिए हिचकिचाहट और फैसले लेने में दिक्कतें अब बीती बात हो गई है और वे कप्तान के रूप में ऐसे निर्णय करने में नहीं हिचकिचाते हैं जो किसी खिलाड़ी को भले ही अच्छा न लगे लेकिन उससे टीम को फायदा पहुंचता है.
India vs New Zealand 1st ODI: शिखर धवन के लिए हिचकिचाहट और फैसले लेने में दिक्कतें अब बीती बात हो गई है और वे कप्तान के रूप में ऐसे निर्णय करने में नहीं हिचकिचाते हैं जो किसी खिलाड़ी को भले ही अच्छा न लगे लेकिन उससे टीम को फायदा पहुंचता है. बाएं हाथ का ये बल्लेबाज न्यूजीलैंड के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाली तीन वनडे मैचों की सीरीज में भारतीय टीम (Team India) की कमान संभालने के लिए तैयार है. ये पहला मौका नहीं है जब धवन टीम की कप्तानी करेंगे. इससे पहले भी वे कुछ मौकों पर भारत की दूसरी श्रेणी की टीम की कमान संभाल चुके हैं. शिखर धवन (Shikhar Dhawan) की कप्तानी में भारत ने श्रीलंका के खिलाफ 3-2 और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2-1 से जीत दर्ज की थी. हालांकि, भारत को धवन की कप्तानी में वेस्टइंडीज के हाथों 1-4 से हार का सामना भी करना पड़ा था.
समय के साथ फैसले लेने की क्षमता में हुआ सुधार
दिल्ली के इस बल्लेबाज ने कहा कि समय के साथ उनके फैसले लेने की क्षमता में सुधार हुआ है. धवन ने ईएसपीएनक्रिकइंफो के साथ बातचीत करते हुए कहा,‘‘ आप जितना ज्यादा खेलते हैं, आपको अपने फैसलों पर उतना ही ज्यादा भरोसा बढ़ता है. इससे पहले ऐसे भी मौके आते थे जब मैं किसी गेंदबाज के प्रति सम्मान दिखाते हुए उसे एक्स्ट्रा ओवर देता था लेकिन अब मैं मैच्योर हो गया हूं और अगर किसी को बुरा भी लगे तब भी मैं वो फैसला करूंगा जिससे टीम को फायदा पहुंचे.’’
बैलेंस बनाकर खिलाड़ियों का भरोसा जीतना जरूरी
धवन ने कहा कि बैलेंस बनाए रखना और खिलाड़ियों का भरोसा जीतना जरूरी होता है. खिलाड़ी बहुत कम ही दबाव महसूस करते हैं और अपने आसपास का माहौल खुशनुमा रखते हैं. धवन ने कहा,‘‘ जब आप किसी ढीले तार वाले म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट को बजाते हैं तो उससे अच्छा म्यूजिक नहीं आएगा और अगर तार बहुत टाइट है तो वो टूट जाएगा. इसलिए ये बैलेंस पैदा करने से जुड़ा हुआ है. कप्तान के रूप में बैलेंस बनाकर रखना महत्वपूर्ण होता है.’’
गरम माहौल में गेंदबाज से बात करना सही नहीं
शिखर धवन ने कहा,‘‘ आपको ये पता होना चाहिए कि तार को कब टाइट करना है और कब ढीला करना है. ये समय पर निर्भर करता है. इस स्तर पर मैं ये भी समझ गया हूं कि कब खिलाड़ियों से कैसी बात करनी है और कितनी बात करनी है. अगर किसी गेंदबाज की गेंद पर शॉट लगता है तो ये जानना महत्वपूर्ण होता है कि उससे कब बात करनी है. जब माहौल में गर्मी हो तो मैं तब उससे बात नहीं करूंगा. इसके बजाय मैं उससे बाद में सहजता से बात करूंगा.’’
अलग लेवल के क्रिकेट में अलग होना चाहिए कप्तानी का लेवल
टीम इंडिया के कप्तान धवन ने कहा,‘‘ ये इस पर भी निर्भर करता है कि आप किस स्तर पर कप्तानी कर रहे हैं. यदि ये आईपीएल है तो अधिकतर खिलाड़ी मैच्योर होते हैं, इसलिए आपको ये सोचना पड़ेगा तार टाइट करना है या नहीं. रणजी ट्रॉफी में कुछ मौकों पर आपको मजबूती दिखानी होती है क्योंकि उस स्तर पर कुछ खिलाड़ी कच्चे घड़े की तरह होते हैं और आपको उन्हें ढालने के लिए मजबूत बनना पड़ता है.’’ बताते चलें कि धवन को हाल ही में इंडियन प्रीमियर लीग की टीम पंजाब किंग्स का कप्तान नियुक्त किया गया था.
भाषा इनपुट्स के साथ