क्या BBL और CPL जैसी विदेशी लीग में खेल पाएंगे भारतीय खिलाड़ी, दिग्गजों के बयान से BCCI पर बढ़ेगा दबाव
ICC Men's T20 World Cup 2022: न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग (Stephen Fleming) का मानना है कि भारत को अगले टी20 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए विदेशी लीग खासतौर पर कैरेबियाई प्रीमियर लीग (Caribbean Premier League) में खेलने पर विचार करना चाहिए.
ICC Men's T20 World Cup 2022: न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग (Stephen Fleming) का मानना है कि भारत को अगले टी20 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए विदेशी लीग खासतौर पर कैरेबियाई प्रीमियर लीग (Caribbean Premier League) में खेलने पर विचार करना चाहिए. बताते चलें कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई (BCCI) अपने खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता है. भारतीय खिलाड़ियों की कमजोरी टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में खुलकर सामने आई जहां उसे इंग्लैंड के हाथों 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. बिग बैश लीग में खेलने वाले एलेक्स हेल्स और जोस बटलर ने भारतीय गेंदबाजों की एडिलेड के मैदान में धज्जियां उड़ा दी थी.
विदेशी लीग में खेलने से खिलाड़ियों को मिलता है बेहतर एक्सपीरियंस
स्टीफन फ्लेमिंग ने ईएसपीएन क्रिकइंफो के साथ बातचीत करते हुए कहा, ‘‘इस पर विचार किया जा सकता है खासतौर पर जब आप कमेंटेटरों से एडिलेड ओवल में एलेक्स हेल्स के एक्सपीरियंस के बारे में सुनते हैं. ऐसा लगता है कि वे खिलाड़ी जो पूरी दुनिया में खेलते हैं उन्हें वास्तव में इन घरेलू टूर्नामेंट में खेल कर जबरदस्त एक्सपीरियंस हासिल होता है और इसके बाद वे ज्यादा सहज होकर खेलते हैं.’’
वेस्टइंडीज में खेला जाना है अगला टी20 विश्व कप
फ्लेमिंग ने कहा कि अगला टी20 विश्व कप दो साल बाद वेस्टइंडीज में खेला जाना है और भारतीय खिलाड़ियों को वहां खेले जाने वाले कैरेबियाई लीग में खेलना बुरा विचार नहीं हो सकता. उन्होंने कहा,‘‘ कैरेबियाई प्रीमियर लीग ज्यादा महत्वपूर्ण बन गया है क्योंकि अगला विश्व कप कैरेबियाई धरती पर खेला जाएगा. आप इस टूर्नामेंट में जितने खिलाड़ियों को खेलने के लिए भेजेंगे उन्हें वहां की परिस्थितियों की अच्छी जानकारी मिलेगी और उन्हें विश्व कप में इसका भरपूर फायदा मिलेगा.’’
टीम इंडिया के खिलाड़ियों के पास सिर्फ आईपीएल का ऑप्शन
बताते चलें कि बीसीसीआई से मंजूरी न मिलने की वजह से भारतीय क्रिकेटर्स किसी भी विदेशी लीग में नहीं खेल पाते हैं. भारतीय खिलाड़ियों के पास लीग के रूप में सिर्फ आईपीएल का ही एकमात्र ऑप्शन रहता है. जबकि बाकी टीम के खिलाड़ियों को दुनियाभर में खेली जाने वाली अलग-अलग लीग में खेलने का मौका मिलता है, जिससे न सिर्फ उन्हें विदेशी पिचों के बारे में अच्छी जानकारी मिलती है बल्कि उन्हें सभी छोटे-बड़े खिलाड़ियों के मिजाज और खेल के बारे में भी बारीक जानकारी मिलती है.
भाषा इनपुट्स के साथ