ऐलन मस्क, बिल गेट्स भी रईसी के मामले में बौने- आधी दुनिया के सोने का मालिक था दुनिया का सबसे अमीर शख्स
वर्षों पहले एक रईस ऐसा था, जिसकी दौलत के सामने बिल गेट्स, ऐलन मस्क और जेफ बेजोस ही नहीं, बल्कि इनके जैसे दुनिया तमाम अमीर लोग भी बौने नजर आएंगे. यहां जानिए इतिहास के सबसे अमीर शख्स मंसा मूसा के दिलचस्प किस्से.
अगर आपसे दुनिया के चंद अमीर लोगों के नाम पूछे जाएं तो ज्यादातर लोगों की जुबां पर बिल गेट्स (Bill Gates), ऐलन मस्क (Elon Musk) और जेफ बेजोस (Jeff Bezos) के नाम होंगे. लेकिन वर्षों पहले एक रईस ऐसा भी था, जिसकी दौलत के सामने बिल गेट्स, ऐलन मस्क और जेफ बेजोस ही नहीं, बल्कि इनके जैसे दुनिया तमाम अमीर लोग भी बौने नजर आएंगे. उस शख्स का नाम था मंसा मूसा प्रथम (Mansa Musa-1). मूसा की माली की सल्तनत पर हुकूमत थी और वो सोने के बहुत बड़े भंडार के मालिक थे. इन्हें आज भी इतिहास के सबसे अमीर व्यक्ति (Richest Man in History) के तौर पर याद किया जाता है. आइए आपको बताते हैं मंसा मूसा के जीवन से जुड़ी दिलचस्प बातें.
मूसा कीटा था असली नाम
मंसा मूसा का जन्म 1280 में हुआ था. मनसा के बड़े भाई मनसा अबू बक्र ने 1312 तक शासन किया और इसके बाद वो एक लंबी यात्रा पर निकल गए, तब मंसा मूसा ने गद्दी संभाली. मूसा का असली नाम मूसा कीटा प्रथम था, लेकिन राजगद्दी को संभालने के बाद उन्हें मंसा मूसा कहा जाने लगा क्योंकि मंसा का मतलब बादशाह होता है.
दुनिया का आधे से ज्यादा सोना मंसा मूसा के पास
कहा जाता है कि जिस समय मनसा मूसा माली के शासक थे, उस समय वहां सोने के भंडार होते थे. ये वो जमाना था जब सोने की मांग अपने चरम पर थी और दुनिया का आधे से ज्यादा सोना मंसा मूसा के पास था. कहा जाता है कि मूसा इतने दौलतमंद थे कि आज के समय में भी उनकी दौलत का सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता. फिर भी एक अंदाजा लगाया जाता है कि उस समय मूसा के पास 4,00,000 मिलियन अमरीकी डॉलर के बराबर की दौलत थी.
ये किस्सा है मशहूर
मूसा की अमीरी का एक किस्सा भी काफी मशहूर है. कहा जाता है कि एक बार मंसा मूसा मक्का की यात्रा पर निकले थे. उस काफिले में उनके साथ करीब 60,000 लोग थे. मूसा जिस घोड़े पर सवार थे, उसके आगे 500 लोगों का जत्था था, जिनके हाथ में सोने की छड़ थी. इसके अलावा उनके काफिले में 100 से ज्यादा ऊंट शामिल थे जिनकी पीठ पर हजारों किलो सोना था.
मूसा के सोने से मिस्र हो गया था कंगाल
कहा जाता है कि मंसा मूसा बहुत उदार दिल के थे. मक्का की यात्रा के दौरान जब उनका काफिला मिस्र के काहिरा शहर में रुका, तो यहां उन्होंने गरीबों को दान करना शुरू कर दिया और इतना सोना दान कर दिया कि देश में सोने के अचानक से दाम घट गए और महंगाई इतनी बढ़ गई कि काहिरा की इकोनॉमी पूरी तरह से तबाह हो गई और मिस्र देश कंगाली की हालत पर पहुंच गया.
दूर-दूर तक थे अमीरी के चर्चे
मनसा मूसा की इस यात्रा के किस्से खूब मशहूर हुए और दूर-दूर से लोग ये देखने के लिए उनके पास आने लगे कि आखिरी मंसा मूसा के पास कितनी दौलत है. 57 साल की उम्र में मंसा मूसा ने दुनिया को अलविदा कह दिया. उनके बाद उनके बेटे ने गद्दी संभाली, लेकिन वो उसे ठीक से संभाल नहीं पाया. इस कारण समय के साथ मंसा मूसा की सल्तनत छोटे-छोटे हिस्सों में बंट गई.
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