Dev Uthani Ekadashi 2024: क्यों इस दिन से होती है शादियों के सीजन की शुरुआत? जानिए वजह
Dev Uthani Ekadashi से सर्दियों में शादियों के सीजन की शुरुआत होती है. इस साल 12 नवंबर से शादियों का सीजन शुरू होकर 16 दिसंबर तक चलेगा. क्या आपको पता है कि हर साल सर्दियों में शादी और मांगलिक काम की शुरुआत देवोत्थान एकादशी से ही क्यों होती है? आइए जानते हैं वजह.
Dev Uthani Ekadashi: आज 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी है. साल की 24 एकादशियों में से इस एकादशी को बेहद खास माना जाता है. इस दिन से सर्दियों में शादियों के सीजन की शुरुआत होती है. इसके साथ ही अन्य मांगलिक काम भी शुरू हो जाते हैं. इस साल 12 नवंबर से शादियों का सीजन शुरू होकर 16 दिसंबर तक चलेगा. इसके बाद फिर से एक महीने के लिए सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी. लेकिन क्या आपको पता है कि हर साल सर्दियों में शादी और मांगलिक काम की शुरुआत देवोत्थान एकादशी से ही क्यों होती है? आइए जानते हैं वजह.
क्यों देवउठनी एकादशी से ही शुरू होती हैं शादियां
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र की मानें तो देवउठनी एकादशी के दिन को बेहद शुभ माना जाता है. हर साल देवशयनी एकादशी के बाद 4 महीनों तक शादी वगैरह के शुभ काम पर रोक लग जाती है. माना जाता है कि देवशयनी एकादशी पर जगतपिता नारायण 4 माह की योगनिद्रा लेने चले जाते हैं. इस अवधि को चातुर्मास के नाम से जाना जाता है. चार महीने के बाद कार्तिक मास में देवउठनी एकादशी के दिन वो योगनिद्रा से जागते हैं और धरती का कार्यभार फिर से संभालते हैं. भगवान के जागने के बाद सभी मांगलिक काम विधिवत शुरू हो जाते हैं. यही वजह है कि देवउठनी के दिन से शादी, सगाई या अन्य किसी शुभ काम की शुरुआत होती है.
देवउठनी एकादशी के दिन भी अबूझ मुहूर्त
देवउठनी एकादशी के दिन को भी शादी या किसी अन्य शुभ काम को करने के लिहाज से बेहद शुभ माना जाता है. यही वजह है कि इस दिन देश के तमाम हिस्सों में बड़ी संख्या में शादियां होती हैं. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक देवउठनी एकादशी के दिन अबूझ मुहूर्त होता है. मतलब ये पूरा दिन इतना शुभ माना गया है कि इस दिन किसी भी शुभ काम को करने के लिए आपको मुहूर्त देखने की या फिर किसी से परामर्श करने की जरूरत नहीं होती है. चूंकि आज के दिन चातुर्मास समाप्त हो जाता है और योगनिद्रा में शयन कर रहे नारायण चार माह बाद जाग जाते हैं. इस वजह से इस दिन को देवउठनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन को प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम और तुलसी माता के विवाह का भी प्रावधान है.
सबसे बड़ी एकादशियों में से एक है देवउठनी एकादशी
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ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र के मुताबिक देवउठनी एकादशी को सबसे बड़ी एकादशियों में से एक माना जाता है. इस दिन तमाम लोग व्रत भी रखते हैं. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर 2024 शाम 6:46 बजे से शुरू हो चुकी है. इस तिथि का समापन 12 नवंबर 2024 को शाम 4:04 बजे होगा. उदया तिथि के हिसाब से एकादशी का व्रत और पूजन और इस दिन किए जाने वाले किसी भी तरह के शुभ काम आज 12 नवंबर को किए जाएंगे. व्रत का पारण 13 नवंबर को सुबह 6 बजे के बाद किया जाएगा
11:28 AM IST