आदित्य-L1 की सफलता पर ISRO प्रमुख ने कहा- यह एक लंबी यात्रा का अंत, जैसा अनुमान लगाया गया था वैसा ही हुआ
ISRO के सौर मिशन आदित्य-L1 के हेलो ऑर्बिट में प्रवेश करने पर ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, "यह हमारे लिए बहुत संतुष्टिदायक है क्योंकि यह एक लंबी यात्रा का अंत है.
Aditya-L1 Mission: ISRO के सौर मिशन आदित्य-L1 के हेलो ऑर्बिट में प्रवेश करने पर ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, "यह हमारे लिए बहुत संतुष्टिदायक है क्योंकि यह एक लंबी यात्रा का अंत है. लिफ्ट-ऑफ से लेकर अब तक 126 दिन बाद यह अंतिम बिंदु पर पहुंच गया है. इसलिए अंतिम बिंदु तक पहुंचना हमेशा एक चिंताजनक क्षण होता है, लेकिन हम इसके बारे में बहुत आश्वस्त थे. तो जैसा अनुमान लगाया गया था वैसा ही हुआ.
सूर्य को समझना दुनिया के लिए काफी महत्वपूर्ण
आदित्य-एल1 के अंतिम कक्षा में प्रवेश के बाद इसरो प्रमुख ने कहा- सूर्य को समझना दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है, अकेले भारत के लिए नहीं. Solar Mission Aditya L1: भारत का पहला सौर मिशन आदित्य एल 1 अपनी मंजिल पर पहुंच गया है. अंतरिक्ष यान पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1’ (एल 1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में पहुंच चुका है. आपको बता दें कि ‘एल1 प्वाइंट’ के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में उपग्रह से सूर्य को लगातार देखा जा सकता है.
2 सितंबर को लॉन्च हुआ था मिशन
भरतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 2 सितंबर को देश का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 (Aditya-L1) लॉन्च किया था. इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. आदित्य यान को पीएसएलवी-सी 57 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया. ये 4 महीने का सफर पूरा करते हुए L1 पॉइंट तक पहुंचेगा.
क्या है आदित्य L1 का मकसद?
इसका मकसद सूर्य के आसपास के वायुमंडल का अध्ययन करना है. यह क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग की स्टडी करेगा. इसके साथ ही यह फ्लेयर्स पर रिसर्च करेगा. ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने जताई खुशी ISRO के सौर मिशन आदित्य-L1 के हेलो ऑर्बिट में प्रवेश करने पर ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, "यह हमारे लिए बहुत संतुष्टिदायक है क्योंकि यह एक लंबी यात्रा का अंत है। लिफ्ट-ऑफ से लेकर अब तक 126 दिन बाद यह अंतिम बिंदु पर पहुंच गया है. इसलिए अंतिम बिंदु तक पहुंचना हमेशा एक चिंताजनक क्षण होता है, लेकिन हम इसके बारे में बहुत आश्वस्त थे. तो जैसा अनुमान लगाया गया था वैसा ही हुआ. आदित्य-एल1 के अंतिम कक्षा में प्रवेश के बाद इसरो प्रमुख ने कहा-सूर्य को समझना दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है, अकेले भारत के लिए नहीं.
ISRO के सौर मिशन आदित्य-एल1 के हेलो ऑर्बिट में प्रवेश पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने कहा, "...आज भारत को बहुत बड़ी सफलता मिली है...प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने एक बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है...मैं सभी वैज्ञानिकों का आभार प्रकट करता हूं..."
ISRO के सौर मिशन आदित्य-एल1 के हेलो ऑर्बिट में प्रवेश पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, "...टीम ISRO द्वारा यह तीसरा कीर्तिमान है जो उनके द्वारा स्थापित किया गया है...अब अंतरिक्ष में हमारी बहुत बड़ी हिस्सेदारी है, हमारे पास अंतरिक्ष में कई उपग्रह हैं...इस मिशन में जो हमें जानकारी उपलब्ध होंगी वो दूसरे देशों के लिए भी काम आएंगी...""टीम ISRO द्वारा पंजीकृत सफलता की कहानियों में यह तीसरी सफलता की कहानी है... अब अंतरिक्ष में हमारी बहुत बड़ी हिस्सेदारी है, हमारे पास अंतरिक्ष में कई उपग्रह हैं... "
ISRO के सौर मिशन आदित्य-एल1 के हेलो ऑर्बिट में प्रवेश पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "यह एक महान उपलब्धि है... चंद्रयान की तरह यह भी हमारे लिए गौरव का क्षण है..."
इस खास पल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की. भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंची. यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे.