इन दिनों केरल में निपाह वायरस के कारण हाहाकार मचा है. इसकी हिस्ट्री पर नजर डालें तो यह वायरस 2018 के बाद से केरल में चौथी बार सामने आया है. इसके चलते कोझिकोड जिले में स्‍कूल और कॉ‍लेजों को 24 सितंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है. वहीं ICMR ने भी इसको लेकर अलर्ट जारी किया है. आइए आपको बताते हैं इस बीमारी से जुड़ी जरूरी बातें.

क्‍या है निपाह वायरस

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निपाह वायरस जानवरों से इंसानों में होने वाली बीमारी है, जिसे ज़ूनोटिक डिज़ीज़ (Zoonotic Disease) कहा जाता है. ये चमगादड़ों और सुअर के जरिए इंसानों में फैल सकता है. भारत में ये पहली बार साल 2018 में सामने आया था. उस समय 23 लोग इससे संक्रमित हो गए थे, जिसमें से 21 की मौत हो गई थी. 2019 और 2021 में निपाह हल्का प्रकोप दिखा था, जिसमें दो लोगों की मौत की घटना सामने आई थी. भारत के अलावा ये वायरस मलेशिया, सिंगापुर, बांग्लादेश, फिलीपींस में रिपोर्ट किया गया है.

निपाह वायरस के लक्षण

- सिरदर्द

- बुखार

- सांस लेने में परेशानी

- खांसी, खराब गला

- दस्त, उल्टी

- शरीर में दर्द

- कमजोरी बढ़ना

कैसे फैलता है निपाह वायरस?

- जानवरों से इंसानों में

- एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में

- संक्रमित चमगादड़ों से

- सुअरों से

कहां से आया ये वायरस? 

WHO के मुताबिक 1998 में मलेशिया में इसका पहला केस मिला था. मलेशिया में इस वायरस को निपाह नाम मिला. पहले इस बीमारी की चपेट में सुअर आते थे. साल 2004 में बांग्लादेश में निपाह वायरस के मरीज मिले. बांग्लादेश में वायरस चमगादड़ों के जरिए फैला.

क्‍यों चिंता बढ़ा रहा है निपाह वायरस

निपाह वायरस पर ICMR ने भी अलर्ट जारी किया है और इसे कोविड की तुलना में ज्यादा घातक बताया है. कोविड में मृत्यु दर 2-3%, जबकि निपाह वायरस में मृत्यु दर 40-75% है. चिंता की बात ये है कि संक्रमण के 75% मामले गंभीर हैं और निपाह का ट्रीटमेंट या वैक्सीन नहीं है.

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री का क्‍या है कहना

इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का कहना है कि निपाह वायरस कोरोना वायरस से थोड़ा अलग है. निपाह वायरस इतनी तेजी से नहीं फैलता है. ये फल खाने वाले चमगादड़ों से फैलता है. भारत में वर्ल्ड क्लास वायरोलॉजी लैब मौजूद है. पुणे में NiV टेस्टिंग की जा रही है.

सरकार की क्‍या है तैयारी

सरकार ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 डोज और मंगवाई है. वैक्सीन की डोज संक्रमण के शुरुआती समय में दी जाती है. मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कितनी सटीक इसका परीक्षण जारी है.

निपाह वायरस से कैसे बचें?

- बार-बार हाथ धोएं, मास्क लगाएं

- भीड़ वाली जगह जाने से बचें

- अनावश्यक यात्रा से बचें

- मरीज के संपर्क में आने पर जांच कराएं

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