New Parliament First Look: नए संसद का आया फर्स्ट लुक, मिर्जापुर की कालीन, राजस्थान के पत्थर और नोएडा का...
New Parliament Building First Look: पीएम ने शुक्रवार को इस नए संसद भवन का फर्स्ट लुक भी जारी किया, जिसमें पहली बार संसद का असली लुक सामने आया है. इसके पहले हमने डिजिटलाइज्ड तस्वीरें ही देखी थीं.
New Parliament Building First Look: नये संसद भवन का उद्घाटन होने में बस थोड़ा वक्त रह गया है. 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करने वाले हैं. पीएम ने शुक्रवार को इस नए संसद भवन का फर्स्ट लुक भी जारी किया, जिसमें पहली बार संसद का असली लुक सामने आया है. इसके पहले हमने डिजिटलाइज्ड तस्वीरें ही देखी थीं. पीएम मोदी ने एक ट्वीट किया है, जिसमें आप करीब से नए संसद का भव्य इंटीरियर देख सकते हैं.
The new Parliament building will make every Indian proud. This video offers a glimpse of this iconic building. I have a special request- share this video with your own voice-over, which conveys your thoughts. I will re-Tweet some of them. Don’t forget to use #MyParliamentMyPride. pic.twitter.com/yEt4F38e8E
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2023
देशभर से लाई गई चीजों का हुआ इस्तेमाल
नए संसद भवन में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की कालीन, त्रिपुरा के बांस से बने फर्श और राजस्थान के पत्थर की नक्काशी भारत की संस्कृतिक विविधता को दर्शाती है. नये संसद भवन में प्रयुक्त सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से लाई गई थी, जबकि लाल और सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से प्राप्त किया गया था. राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले और हुमायूं के मकबरे के लिए बलुआ पत्थर भी सरमथुरा से लाया गया था. केशरिया हरा पत्थर उदयपुर से, अजमेर के निकट लाखा से लाल ग्रेनाइट और सफेद संगमरमर अंबाजी राजस्थान से मंगवाया गया है.
लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में ‘फाल्स सीलिंग’ के लिए स्टील की संरचना केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव से मंगाई गई है, जबकि नये भवन के लिए फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया था. इमारत पर लगे पत्थर की ‘जाली’ राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से मंगवाई गई थी. अशोक चिह्न के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से लाई गई थी, जबकि संसद भवन के बाहरी हिस्सों में लगी सामग्री को मध्य प्रदेश के इंदौर से खरीदा गया था. पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों द्वारा किया गया था और पत्थरों को कोटपूतली, राजस्थान से लाया गया था. नये संसद भवन में निर्माण गतिविधियों के लिए ठोस मिश्रण बनाने के लिए हरियाणा में चरखी दादरी से निर्मित रेत या ‘एम-रेत’ का इस्तेमाल किया गया था. ‘एम रेत’ कृत्रिम रेत का एक रूप है, जिसे बड़े सख्त पत्थरों या ग्रेनाइट को बारीक कणों में तोड़कर निर्मित किया जाता है जो नदी की रेत से अलग होता है. .
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निर्माण में इस्तेमाल की गई ‘फ्लाई ऐश’ की ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गई थीं, जबकि पीतल के काम लिए सामग्री और ‘पहले से तैयार सांचे’ गुजरात के अहमदाबाद से लिये गये. एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एक तरह से लोकतंत्र के मंदिर के निर्माण के लिए पूरा देश एक साथ आया, इस प्रकार यह ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत की सच्ची’ भावना को दर्शाता है.’’
(भाषा इनपुट के साथ)
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11:19 PM IST