दांत में दर्द होने पर कई बार डेंटिस्ट के पास जाना बेहद जरूरी हो जाता है. ऐसा न करने पर समस्या बढ़ भी सकती है. लेकिन कई बार देखने में आता है कि दांतों के डॉक्टर के पास जाने को लेकर लोगों में डर होता है. कई बार ये डर इतना बढ़ जाता है कि सांस फूलना, हाथ पैरों में पसीना आना और घबराहट जैसे लक्षण भी मरीजों में दिखने लगते हैं. इसे हम साइंस की भाषा में डेंटल एंग्जाइटी कहते हैं. ये एंग्जाइटी किसी भी उम्र के लोगों में हो सकती है. हालांकि इस एंग्जाइटी का कोई इलाज नहीं होता लेकिन कुछ खास बातों का ख्याल रख इस पर काबू पाया जा सकता है. आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में. 

डेंटिस्ट से लें सलाह 

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डेंटिस्ट से बात करना और सलाह लेना आपकी एंग्जाइटी को काफी हद तक कम कर सकता है. अगर आप डेंटिस्ट से बात करने में संकोच करते रहेंगे तो ऐसे में आपका डर और भी बढ़ जाएगा. ऐसे में एक हेल्दी डिस्कशन करना आपकी हेल्प कर सकता है.

सांस से जुड़ी एक्सरसाइज 

गहरी सांस लेने से सांस लेने में होने वाली परेशानी को कम किया जा सकता है. जब भी आप एंग्जाइटी का सामना करते हैं, सांस लेने में तकलीफ जैसी महसूस होती है. गहरी सांस लेने पर ब्रेन तक प्रॉपर ऑक्सीजन जाती है जिस वजह से ब्लड फ्लो सामन्य होता है और घबराहट कम होती है.

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योग/ मेडिटेशन करें

कई लोगों को डेंटिस्ट के पास जाते ही घबराहट जैसी समस्या शुरू हो जाती है. ऐसे में कुछ समय लेकर आंख बंद आकर दिमाग शांत करें. गहरी सांस के साथ एक जगह दिमाग को फोकस करने की कोशिश करें. इससे आपका दिमाग शांत होगा, और एंग्जाइटी का एहसास कम होगा. इसके अलावा अगर आपके डेंटिस्ट से जुड़े पुराने बुरे एक्सपीरियंस रहे हैं तो इन्हें भूलने की कोशिश करें. बुरे विचारों को दिमाग में न आने दें. डेंटिस्ट से बात कर प्रोसेस और उसकी जरूरत को समझें. दातों की परेशानी समय रहते ट्रीट न करने पर उम्र भर रह जाती है. कई सीरियस मामलों में दांत हटवाने तक पड़ जाते हैं, और अगर समय रहते न हटाए जाएं तो साथ के सभी दांतों को खराब कर देते हैं. इसलिए ट्रीटमेंट की गंभीरता को समझते हुए अपने विचारों पर काबू पाने का प्रयास करें.