हमारे शरीर में रेड ब्लड सेल्स यानी लाल रक्‍त कोशिकाएं होती हैं, जो शरीर के सभी हिस्सों तक खून को पहुंचाती हैं. जब शरीर में इन कोशिकाओं की कमी हो जाती है, तो नया खून नहीं बन पाता और शरीर में ऑक्‍सीजन की भी कमी होने लगती है. इस स्थिति को एनीमिया कहा जाता है. साधारण शब्‍दों में इसे खून की कमी कहा जाता है. भारत में हर साल काफी संख्‍या में ए‍नीमिया के मामले सामने आते हैं. सबसे ज्‍यादा इस समस्‍या से महिलाएं जूझती हैं. खट्टी मीठी किशमिश को एनीमिया के मामले में काफी फायदेमंद माना जाता है. ये तेजी से खून बढ़ाने में मददगार होती है. यहां जानिए एनीमिया के बारे में खास बातें और इस समस्‍या को ठीक करने में किशमिश का रोल.

एनीमिया की वजह

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नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रमाकांत शर्मा बताते हैं कि एनीमिया की कई वजह हो सकती हैं, जैसे आयरन, विटामिन B12, फोलेट की कमी, बहुत अधिक रक्तस्राव, रुमेटॉयड आर्थराइटिस, पाइल्‍स, महिलाओं में माहवारी के दौरान अत्‍यधिक ब्‍लीडिंग, थैलेसीमिया, हाइपोथायराइडिज्म या कोई अन्‍य रोग भी हीमोग्‍लोबिन की वजह बन सकता है.  

इन लक्षणों से समझें

हर समय थकान महसूस होना, उठने-बैठने पर चक्कर आना, थोड़ा काम करते ही सांस फूल जाना, त्वचा और आंखों में पीलापन, दिल की असामान्य धड़कन, जोड़ों में दर्द, लिवर संबंधी परेशानी, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, हाथ पैरों का ठंडा पड़ना आदि एनीमिया के लक्षण माने जाते हैं. 

किशमिश है बेहद फायदेमंद

शरीर में खून की कमी को किशमिश बहुत तेजी से दूर करती है. इसके लिए आप रोजाना किशमिश को रात को धोने के बाद पानी में भिगो दें. सुबह खाली पेट उठकर उस पानी को पी लें और किशमिश को खा लें. इसे खाने से आपके शरीर में खून की रिकवरी बहुत तेजी से होगी. कुछ ही दिनों में आपको असर दिखना शुरू हो जाएगा.

इसके अलावा भीगे चने को गुड़ के साथ खाने से भी काफी तेजी से हीमोग्‍लोबिन बढ़ता है. फलों में चुकंदर, अनार, केला और सेब रोजान खाएं और अंकुरित अनाज खाएं, काफी आराम मिलेगा. लौकी का जूस भी इस मामले में मददगार है. 

इस बात का ध्‍यान रहे

हीमोग्लोबिन की कमी अगर न्‍यूट्रीशंस की कमी के कारण हुई है, तो इस तरह डाइट को बेहतर करने से ये कमी दूर हो सकती है. लेकिन अगर आपको कोई रोग है जिसके कारण से शरीर में खून की कमी रहती है या हो गई है, तो विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही कोई भी चीज खाएं और किसी भी उपाय को आजमाएं. लक्षण दिखने पर लापरवाही न करें, विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें.