सामान्य दिखने वाले ये 7 लक्षण अगर आप खुद में देख रहे हैं तो हो जाइए सावधान! ये Nomophobia हो सकता है...
मोबाइल आपकी लाइफ को सुविधाजनक बनाने के लिए है, लेकिन अगर आप इसके आदी हो गए हैं, तो आपको अलर्ट होने की जरूरत है, वरना आपकी सेहत को कई तरह के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं.
कहा जाता है कि अति हर चीज की खराब होती है. मोबाइल लोगों की जिंदगी को सुविधाजनक बनाने के लिए लाया गया, लेकिन ये धीरे-धीरे उनकी लत बन गया. आज के समय में लोग एक मिनट के लिए भी मोबाइल को खुद से दूर नहीं रखना चाहते. मोबाइल अगर थोड़ा इधर-उधर हो जाए तो लोग तनाव में आ जाते हैं. ये स्थितियां लोगों को नोमोफोबिया (Nophobia) का शिकार बना रही हैं. सबसे ज्यादा इसका असर किशोरों और नौजवानों में देखने को मिल रहा है. यहां जानिए क्या होता है नोमोफोबिया, क्या हैं इसके लक्षण और बचाव के तरीके-
क्या है नोमोफोबिया?
नोमोफोबिया शब्द 'नो मोबाइल फोबिया' से मिलकर बना है. जब किसी व्यक्ति को मोबाइल की लत इस कदर हो जाती है कि जरा सी दर मोबाइल से दूर रहने पर तनाव हो जाता है, तो इसे नोमोफोबिया कहा जाता है. ये एक साइकोलॉजिकल कंडीशन है.नोमोफोबिया व्यक्ति के दिमाग पर असर डालता है.
ये लक्षण आते सामने
- मोबाइल को बार बार चेक करना
- जरा भी देर के लिए मोबाइल को खुद से दूर न करना
- अगर मोबाइल में कुछ दिक्कत आ जाए तो घबरा जाना
- कॉल, मैसेज या नोटिफिकेशन को बार-बार चेक करना
- इंटरनेट काम न करने पर बेचैन हो जाना
- जहां नेटवर्क न हो, वहां जाने से कतराना
- ऐसे लोग मोबाइल स्विच ऑफ करने से भी कतराते हैं.
नोमोफोबिया का सेहत पर असर
इस मामले में डॉ. रमाकान्त शर्मा कहते हैं कि नोमोफोबिया को मानसिक विकार बेशक न कहा जाए, लेकिन इसका असर दिमाग पर जरूर पड़ता है. इसकी वजह से शरीर में मेलाटोनिन की मात्रा कम होती है और नींद आने में दिक्कत आती है. नींद न आने से शरीर में थकान, सुस्ती, एकाग्रता में कमी, छोटी-छोटी बात पर गुस्सा, चिड़चिड़ाहट, सिर दर्द और अन्य तरह की तमाम दिक्कतें होने लगती हैं. इसके अलावा नोमोफोबिया व्यक्ति की आंखों पर भी बुरा असर डालता है. इसके कारण आंखों से पानी आने की समस्या हो सकती है, जो Vision Syndrome का रूप ले सकती है.
आपको भी खुद में दिखें लक्षण तो क्या करें?
- मोबाइल इस्तेमाल करने की एक लिमिट सेट कर लें और उसी के अनुसार मोबाइल का प्रयोग करें.
- अपने फोन में केवल काम के नोटिफिकेशन को चालू रखें. फिजूल नोटिफिकेशन को म्यूट कर दें, ताकि बार-बार इसे चेक करने की आदत को नियंत्रित किया जा सके.
- कोशिश करें की मोबाइल चलाने के अलावा कुछ ऐसे काम करें, जिनसे आपको खुशी मिले. इसके लिए पेंटिंग, सिंगिंग, डांस, वॉक, आउटडोर एक्क्टिविटीज करें या फिर किताबें पढ़ें, लिखने का शौक है तो लिखें.
- मोबाइल में समय बिताने की बजाय अपने दोस्तों, करीबियों और परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएं.
03:20 PM IST