हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्‍योहार मनाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन ईसाह मसीह का जन्‍म हुआ था. ईसाई धर्म के लोग इस दिन को बड़ा दिन भी कहते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि 25 दिसंबर को Christmas का त्‍योहार पूरी दुनिया में नहीं मनाया जाता. दुनिया में तमाम देश ऐसे हैं जहां ये त्‍योहार 7 जनवरी को मनाया जाता है. आखिर ऐसा क्‍यों किया जाता है, जान लीजिए.

ये है वजह

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25 दिसंबर की बजाय 7 जनवरी को क्रिसमस मनाने के पीछे की वजह कैलेंडर है. दरअसल, ग्रेगोरियन और जूलियन कैलेंडर में 13 दिनों का अंतर होता है और यही अंतर क्रिसमस की तारीख के बीच पड़ रहा है. ग्रेगोरियन कैलेंडर को वर्ष 1582 में पोप ग्रेगोरी ने शुरू किया था, जबकि जूलियन कैलेंडर को 46 BC में जूलियस सीजर ने शुरू किया था. 

साल 1752 में इंग्लैंड ने जूलियन कैलेंडर की जगह ग्रेगोरियन कैलेंडर फॉलो करना शुरू कर दिया गया. जिसके मुताबिक क्रिसमस का त्योहार 25 दिसंबर के दिन पड़ता है. इंग्लैंड के इस कैलेंडर को अपनाने के बाद पश्चिम के ज्यादातर देशों ने भी ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपना लिया और क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाना शुरू कर दिया. लेकिन कुछ देश आज भी ऐसे हैं जो ग्रेगोरियन कैलेंडर की बजाय जूलियन कैलेंडर को ही मानते हैं. वे क्रिसमस का पर्व 7 जनवरी को मनाते हैं.

7 जनवरी को क्रिसमस मनाने वाले देश

7 जनवरी को क्रिसमस मनाने वाले देशों में रूस, मिस्र, यूक्रेन, इथियोपिया, जॉर्जिया, मोल्दोवा, सर्बिया, बेलारूस, मैसेडोनिया, मोंटेनेग्रो और कजाकिस्तान जैसे तमाम देश शामिल हैं.

यीशू के जन्‍म की तारीख को लेकर भी कई मान्‍यताएं

यीशू के जन्‍म की तारीख को लेकर भी कई तरह की मान्‍यताएं हैं. तमाम लोगों का यीशू के जन्‍म को लेकर मानना है कि वे ईस्‍टर के दिन अपनी मां के गर्भ में आए थे. गर्भ में आने का दिन कुछ लोग 25 मार्च को मानते हैं तो वहीं कुछ लोग 6 से 7 अप्रैल मानते हैं. इसके आधार पर नौ महीने 25 दिसंबर और 6-7 जनवरी को पूरे होते हैं. इस कारण देशों में यीशू का जन्‍मदिन 25 दिसंबर और कुछ देशों में 6 और 7 जनवरी को मनाया जाता है. हालांकि इनमें से किसी भी डेट का सटीक प्रमाण नहीं है. यीशू के जन्‍म को लेकर कहीं भी किसी तारीख या दिन का जिक्र नहीं मिलता है.