Khichdi 2025: मकर संक्रान्ति के दिन क्यों बनाई और बांटी जाती है खिचड़ी?
Makar Sankranti Khichdi Significance: मकर संक्रान्ति के दिन तमाम घरों में लोग खिचड़ी बनाते हैं और इसे बांटते भी हैं. खिचड़ी के बड़े-बड़े भंडारे किए जाते हैं. क्या आपको पता है कि मकर संक्रान्ति का आखिर खिचड़ी से क्या संबन्ध है? जानिए इस दिन क्यों बनाते हैं खिचड़ी.
मकर संक्रान्ति हिंदुओं के काफी बड़े त्योहारों में से एक है. इस त्योहार को दान-पुण्य का पर्व कहा गया है. माना जाता है कि इस दिन मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं. इस त्योहार को तमाम जगहों पर उत्तरायण के तौर पर भी मनाया जाता है. इसके अलावा इस पर्व को पोंगल, खिचड़ी और काइट फेस्टिवल भी कहा जाता है. इस दिन तमाम घरों में लोग खिचड़ी बनाते हैं और इसे बांटते भी हैं. खिचड़ी के बड़े-बड़े भंडारे किए जाते हैं. क्या आपको पता है कि मकर संक्रान्ति का आखिर खिचड़ी से क्या संबन्ध है? जानिए इस दिन क्यों बनाते हैं खिचड़ी.
ये है मान्यता
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने और इसके दान को लेकर बाबा गोरखनाथ की एक कथा प्रचलित है. कहा जाता है कि जब खिलजी ने आक्रमण किया था, तब चारों ओर हाहाकार मचा हुआ था. नाथ योगियों को युद्ध के दौरान भोजन बनाने का समय नहीं मिलता था. ऐसे में भोजन न मिलने से वे कमजोर होते जा रहे थे. उस समय बाबा गोरखनाथ ने दाल, चावल और सब्जियों को एक साथ मिलाकर पकाने की सलाह दी. ये आसानी से जल्दी पक जाता था और इससे शरीर को पोषक तत्व भी मिल जाते थे और योगियों का पेट भी भर जाता था. बाबा गोरखनाथ ने इस व्यंजन का नाम खिचड़ी रखा.
खिलजी से मुक्त होने के बाद मकर संक्रान्ति के दिन योगियों ने उत्सव मनाया और उस दिन इस खिचड़ी को लोगों के बीच बांटा. उस दिन से मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाकर खाने और इसे बांटने की प्रथा शुरू हो गई. मकर संक्रांति के मौके पर गोरखपुर के बाबा गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी मेला भी लगता है. इस दिन बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है और लोगों में इसे प्रसाद रूप में ग्रहण करते हैं.
गुड़ और तिल के लड्डुओं का महत्व
मकर संक्रान्ति पर गुड़ और तिल के लड्डू भी बनाए जाते हैं और इन्हें दान भी किया जाता है. अगर वैज्ञानिक रूप से समझें तो मकर संक्रांति का त्योहार के समय उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड होती है. तमाम जरूरतमंद लोग इस ठंड के प्रभाव से ठिठुर रहे होते हैं. गुड़ और तिल दोनों की तासीर काफी गर्म होती है. दोनों ही चीजें सर्दी के प्रभाव से बचाने में फायदेमंद मानी जाती हैं. इसे खाने से शरीर को गर्माहट मिलती है और शरीर को ठंडक के असर से बचाने में मदद मिलती है. इसलिए इस त्योहार पर गुड़ और तिल के लड्डू बनाकर खाए जाते हैं. चूंकि ये दान का पर्व है, ऐसे में लोग इन लड्डुओं को बांटकर दूसरों की मदद करते हैं.