श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी (Shri Krishna Janmashtami) का पर्व हर साल भाद्रपद मास की कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी तिथि को मनाया जाता है. वैसे तो इस पर्व की धूम भारत के तमाम हिस्‍सों में देखने को मिलती है, लेकिन मथुरा-वृंदावन में जन्‍माष्‍टमी (Janmashtami in Mathura-Vrindavan) की रौनक कुछ और ही होती है क्‍योंकि ये जगह श्रीकृष्‍ण के जन्‍म से लेकर उनकी बचपन की तमाम लीलाओं की साक्षी है. यहां के लोगों के लिए श्रीकृष्‍ण सिर्फ भगवान नहीं हैं, बल्कि उनके 'लल्‍ला' भी हैं, जिसे प्‍यार से वो कान्‍हा, लाला, कन्‍हैया जैसे तमाम नामों से पुकारते हैं.

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हर साल जन्‍माष्‍टमी के मौके पर यहां के सभी मंदिरों को विशेष तौर पर सजाया जाता है, कई तरह के खास आयोजन होते हैं. इस साल मथुरा-वृंदावन में जन्‍माष्‍टमी का पर्व 7 सितंबर (Janmashtami 2023 Date in Mathura-Vrindavan) को मनाया जाएगा. इस मौके पर  बांके बिहारी के लिए खास पोशाक तैयार की गई है जिसकी कीमत डेढ़ लाख रुपए बताई जा रही है. वहीं श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि को चंद्रयान-3 की थीम पर सजाया जा रहा है. आइए आपको बताते हैं कि इस जन्‍माष्‍टमी पर मथुरा-वृंदावन में क्‍या-क्‍या खास होगा.

जरी के कपड़े की पोशाक पहनेंगे बांके बिहारी

वृंदावन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर बांकेबिहारी इस बार पीले और केसरिया रंग की पोशाक को धारण कर भक्‍तों को दर्शन देंगे. इस खास दिन के लिए उनके लिए वृंदावन के कारीगरों से विशेष पोशाक को तैयार कराया जा रहा है. ये पोशाक मंदिर के सेवायत द्वारा आगरा के एक श्रद्धालु के सहयोग से तैयार कराई जा रही है. जरी के कपड़े की पोशाक पर बेल बूटों का काम किया जा रहा है. इसकी कीमत करीब 1.5 लाख रुपए बताई जा रही है. वहीं ठाकुर बांकेबिहारी के लिए चांदी का नया स्नान पात्र बनवाया गया है, जिसमें ठाकुरजी का महाभिषेक होगा और चांदी का छत्र भी लगाया जाएगा. यह स्नान पात्र और छत्र 11 किलो चांदी के बने हैं.

जन्‍मभूमि में दिखेगी चंद्रयान-3 की थीम

चंद्रयान-3 की सफलता से उत्‍साहित भगवान के भक्‍तों ने इस साल श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि को चंद्रयान की थीम पर सजाया है. इस साल 7 सितंबर बृहस्पतिवार की मध्य रात्रि के बाद भगवान श्री कृष्ण सोमनाथ फूल बंगले में विराजमान होंगे. इस फूल बंगले का नाम इसरो चीफ एस सोमनाथ के नाम पर रखा गया है. वहीं भगवान की पोशाक का नाम नाम प्रज्ञान-प्रभास रखा गया है. इसके अलावा भागवत भवन के द्वार पर चंद्रमा और प्रज्ञान का कटआउट लगाया जाएगा.

बांके बिहारी मंदिर में साल में एक बार होती है ये आरती

मथुरा में श्रीकृष्‍ण की जन्‍मभूमि में भगवान के जन्‍मोत्‍सव को देखने के लिए हर साल दूर-दूर से भक्‍त आते हैं. टीवी पर इस जन्‍मोत्‍सव का सीधा प्रसारण दिखाया जाता है. वहीं वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी के दिन यहां श्रद्धालुओं का भीड़ के चलते पैर रखने की भी जगह नहीं मिलती क्‍योंकि इस दिन यहां श्रीकृष्‍ण की मंगला आरती होती है, जो सिर्फ साल में एक बार जन्‍माष्‍टमी के दिन ही की जाती है. भगवान के भक्‍त इस आरती में हिस्‍सा लेने के लिए उत्‍सुक रहते हैं. हर साल श्रीकृष्ण के जन्म के बाद रात को 1 बजकर 55 मिनट पर  मंगला आरती होती है. हालांकि कई बार ग्रह व नक्षत्र देखकर समय में बदलाव भी किया जाता है. देश-विदेश के भक्‍त इस आरती में शामिल होते हैं.

 

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