ISRO नए साल के पहले दिन रचेगा इतिहास, XPoSat उपग्रह होगा लॉन्च, पेलोड को PSLV-C 58 रॉकेट से भेजा जाएगा
ISRO New Mission: नए साल के पहले दिन इसरो इतिहास रचने जा रहा है. आज 1 जनवरी 2024 को अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से एक्सपीओसैट ( XPOSAT) सैटेलाइट की लॉन्चिंग करेगा.
ISRO नए साल के पहले दिन रचेगा इतिहास, XPoSat उपग्रह होगा लॉन्च, पेलोड को PSLV-C 58 रॉकेट से भेजा जाएगा
ISRO नए साल के पहले दिन रचेगा इतिहास, XPoSat उपग्रह होगा लॉन्च, पेलोड को PSLV-C 58 रॉकेट से भेजा जाएगा
ISRO New Mission: नए साल के पहले दिन इसरो इतिहास रचने जा रहा है. आज 1 जनवरी 2024 को अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से XPOSAT सैटेलाइट की लॉन्चिंग करेगा. यह सैटेलाइट अंतरिक्ष में होने वाले रेडिएशन की स्टडी करेगा.
क्या है सेटेलाइट का मकसद?
इसरो के इस मिशन का मकसद 650 किलोमीटर ऊंचाई पर तैनात होने वाला यह सैटेलाइट 50 सबसे ज्यादा चमकने वाले स्तोत्रों पर स्टडी करेगा. 9.5 करोड़ की लागत वाले इस मिशन में दो पेलोड़ पोलिक्स और एक्सपेक्ट शामिल हैं. इसे रमन रिसर्च इंस्टिट्यूट और UR राव सैटेलाइट सेंटर ने मिलकर बनाया है. इसे PSLV रॉकेट से भेजा जाएगा जो अभी तक 59 उड़ानें भर चुका है और यह 60वीं उड़ान होगी.
🚀 PSLV-C58/ 🛰️ XPoSat Mission:
— ISRO (@isro) December 31, 2023
The launch of the X-Ray Polarimeter Satellite (XPoSat) is set for January 1, 2024, at 09:10 Hrs. IST from the first launch-pad, SDSC-SHAR, Sriharikota.https://t.co/gWMWX8N6Iv
The launch can be viewed LIVE
from 08:40 Hrs. IST on
YouTube:… pic.twitter.com/g4tUArJ0Ea
पीएसएलवी-डीएल की उलटी गिनती शुरू
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि भारत सोमवार सुबह 10 अन्य पेलोड के साथ एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) लॉन्च करके भव्य तरीके से नए साल 2024 की शुरुआत करेगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अधिकारियों ने बताया कि XPoSat और 10 अन्य वैज्ञानिक पेलोड ले जाने वाले ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान-डीएल (पीएसएलवी-डीएल) के प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती शुरू हो गई है.
यहां देख सकते हैं मिशन लॉन्च लाइव
अगर आप यह मिशन लाइव देखना चाहते हैं तो 08:40 बजे से यूट्यूब पर देख सकते हैं. इसके अवावा https://youtube.com/live/H10igyNHsr4?feature=share, http://isro.gov.in, https://facebook.com/ISRO और डी डी नेशनल पर देख सकते हैं.
कई वैज्ञानिक मिशन में जुटे
सुबह 9.10 बजे पीएसएलवी-सी 58 कोड वाला भारतीय रॉकेट पीएसएलवी-डीएल संस्करण, 44.4 मीटर लंबा और 260 टन वजनी, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के पहले लॉन्च पैड से एक्सपीओसैट के साथ उड़ान भरेगा और 10 वैज्ञानिक पेलोड पीएसएलवी ऑर्बिटल प्लेटफॉर्म पर लगाए गए. अपनी उड़ान के लगभग 21 मिनट बाद, रॉकेट लगभग 650 किमी की ऊंचाई पर XPoSat की परिक्रमा करेगा.
इसरो के पास हैं पांच प्रकार के पीएसएलवी रॉकेट
इसरो के पास पांच प्रकार के पीएसएलवी रॉकेट हैं - स्टैंडर्ड, कोर अलोन, एक्सएल, डीएल और क्यूएल. उनके बीच मुख्य अंतर स्ट्रैप-ऑन बूस्टर का उपयोग है, जो बदले में, काफी हद तक परिक्रमा करने वाले उपग्रहों के वजन पर निर्भर करता है. पीएसएलवी क्रमशः पीएसएलवी-एक्सएल, क्यूएल और डीएल वेरिएंट में पहले चरण द्वारा प्रदान किए गए जोर को बढ़ाने के लिए 6,4,2 ठोस रॉकेट स्ट्रैप-ऑन मोटर्स का उपयोग करता है. हालांकि, कोर-अलोन संस्करण (पीएसएलवी-सीए) में स्ट्रैप-ऑन का उपयोग नहीं किया जाता है.
09:32 AM IST