Aditya L1 Mission: आदित्य-एल1 मिशन पर ISRO को बड़ी खुशखबरी मिली है. आदित्य-एल1 पृथ्वी से सफलतापूर्वक अपनी कक्षा बदल चुका है. अब यह लैग्नेंज प्वाइंट पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इससे पहले इसरो ने 3 सितंबर को सफलतापूर्वक अपनी कक्षा को बदला था. इसकी जानकारी इसरो ने ट्वीट कर दी थी.

अब तक 6 बार आदित्य l1 ने बदली अपनी कक्षा इसरो का आदित्य l1 16 दिन पृथ्वी की कक्षा में बिताने के बाद सौर मिशन की ओर आगे बढ़ेगा. यह मिशन 2 सितंबर को लॉन्च किया गया था. आदित्य l1 को l1 पॉइंट तक पहुंचने में अभी तक पांच बार अर्थ राउंड फायरिंग की गई गई है. 2 सितंबर को लॉन्च हुआ था मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 2 सितंबर को देश का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 (Aditya-L1) लॉन्च किया था. इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. आदित्य यान को पीएसएलवी-सी 57 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया.  ये 4 महीने का सफर पूरा करते हुए L1 पॉइंट तक पहुंचेगा. क्या है आदित्य L1 का मकसद इसका मकसद सूर्य के आसपास के वायुमंडल का अध्ययन करना है. यह क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग की स्टडी करेगा. इसके साथ ही यह फ्लेयर्स पर रिसर्च करेगा. इसरो के मुताबिक, आदित्य L1 का उद्देश्य सूरज पर जाकर वहां के  वातावरण की स्टडी करना है. यह सूर्ययान  वहां के ऑर्बिट पर न ही उतरेगा और न ही सूरज के करीब जाकर स्टडी करेगा. आदित्य एल-1  में 7 अलग-अलग कैमरा लगाए गए हैं जो सूरज के बारे में स्टडी करेगा और  कई रहस्यों से पर्दा उठाएगा.  आदित्य L1 को सूर्य तक पहुंचने में करीब  4 महीने लगेंगे. सूरज के केंद्र का तापमान अधिकतम 1.50 करोड़ डिग्री सेल्सियस है. इस जगह पर न्यूक्लियर फ्यूजन होता है, जिसकी वजह से सूरज के चारों से आग निकलती है.