Interesting Facts about Jeans: रईसों का नहीं, कभी मजदूरों का पहनावा होती थी जीन्स, फिर कैसे फैशन ट्रेंड बन गई?
जीन्स आज के समय में लोगों के पसंदीदा आउटफिट्स में से एक है. लेकिन क्या आपको पता है कि जो जीन्स आज के फैशन का हिस्सा है, वो कभी मजदूरों का पहनावा हुआ करती थी? यहां जानिए जीन्स से जुड़े रोचक तथ्य.
अगर बात फैशन की हो, तो जीन्स का नाम उसमें शामिल जरूर होता है. लड़कियां हों या लड़के, आज के समय में जीन्स हर एक के वॉर्डरोब का हिस्सा होती है. स्टाइलिश लुक देने के साथ जीन्स कंफर्टेबल भी होती है और इसे मेंटेन करना भी आसान होता है. ये एक ऐसा आउटफिट है जिसे कभी भी और कहीं भी पहना जा सकता है. गर्ल्स तो जीन्स को टॉप, शर्ट्स और कुर्ती जैसी तमाम चीजों के साथ पेयर करके खुद को स्टाइलिश लुक देती हैं.
कुल मिलाकर देखा जाए तो जीन्स आज के समय में लोगों के पसंदीदा आउटफिट्स में से एक है. यही वजह है कि जीन्स को और स्टाइलिश बनाने के लिए हर दिन नए तरह के डिजायंस सामने आ रहे हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि जो जीन्स आज के फैशन का हिस्सा है, वो कभी मजदूरों का पहनावा हुआ करती थी? जी हां, जीन्स का इतिहास बड़ा ही दिलचस्प है. आइए आपको बताते हैं इसके बारे में.
मजदूरों के लिए बनाई गई थी जीन्स
जीन्स का आविष्कार साल 1853 में हुआ था. इसे जैकब डेविस और लिवाए स्ट्रॉस ने मिलकर बनाया था. जैकब डेविस एक टेलर था और Levi Strauss लिवाइस कंपनी (Levi Strauss & Co.) के मालिक थे. उस समय इसे मजदूरों के लिए बनाया गया था क्योंकि मजदूर लोग अपने कपड़ों में ही औजार रख लेते थे, जिसके कारण उनके कपड़े जल्दी फट जाते थे. तब जीन्स को लिवाइस कंपनी वर्किंग पैंट्स के मजबूत ऑप्शन के रूप में बाजार में लेकर आई. उस समय की जीन्स नीले रंग की थी और उसमें दो पॉकेट लगाए गए थे.
क्यों इसे कहा गया जीन्स
इस पैंट को जीन्स कहने की वजह ये है कि उस समय इस मजबूत वर्किंग पैंट को बनाने के लिए इटली के शहर जेनोआ से फैब्रिक मंगाया जाता था. इस फैब्रिक को जीन कहा जाता था, इस कारण से इस फैब्रिक से बने पैंट को जीन्स कहा जाने लगा. आपको जानकर हैरानी होगी कि लिवाइस कंपनी के मालिक लिवाए ने कभी खुद इस जीन्स को नहीं पहना क्योंकि ये मजदूरों के लिए बनाई गई थी और वे हमेशा कोट और पैंट में रहना पसंद करते थे.
कैसे फैशन ट्रेंड बनी जीन्स
जीन्स को फैशन ट्रेंड बनाने का श्रेय मशहूर अभिनेता जेम्स डीन को जाता है. साल 1955 में उन्होंने अपनी फिल्म 'रिबेल विदाउट अ कॉज़' में जब जीन्स को पहना और खुद को कूल लुक में लोगों के सामने पेश किया तो यूथ के बीच इसकी डिमांड अचानक से बढ़ने लगी. धीरे-धीरे जीन्स स्टाइल स्टेटमेंट बन गई.
कब महिलाओं के लिए आई पहली जीन्स
पुरुषों के बीच जीन्स की लोकप्रियता को तेजी से बढ़ते देख इसे साल 1934 में पहली बार महिलाओं के लिए बनाया गया और बाकायदा पोस्टर के साथ इसका प्रचार किया गया. उस समय भी जीन्स को नीला रंग ही दिया गया था. महिलाओं को जीन्स काफी पसंद आयी और इसकी भी मांग समय के साथ तेजी से बढ़ने लगी. इस तरह जीन्स धीरे-धीरे दुनियाभर में पसंदीदा परिधान बन गई.
ज्यादातर जीन्स का रंग नीला क्यों
उस दौर में जीन्स को ब्लू रंग देने के लिए नेचुरल इंडिगो डाई का प्रयोग किया गया था. इस रंग को चुनने की वजह ये थी कि मजदूर जब काम करते थे, तो उनके कपड़े जल्दी गंदे हो जाते थे. ये रंग गंदगी को काफी हद तक छिपाने का काम करता था. इसके अलावा केमिकल की तुलना में इंडिगो डाई काफी सस्ता था और डाई का रंग कपड़े के एक तरफ ही चढ़ता था, अंदर की तरफ नहीं. ऐसे में जीन्स में नीला रंग लोकप्रिय हो गया. आज भी आपको जीन्स के कई तरह के कलर्स मिल जाएंगे, लेकिन सबसे ज्यादा शेड्स ब्लू कलर के मिलेंगे.
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