Independence Day PM Modi Speech: पीएम मोदी ने बनाया नया रिकॉर्ड, लाल किले से दिया अब तक का सबसे बड़ा भाषण
PM Modi Speech on 15 August: लाल किले से सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड पहले से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही पास था. आज उन्होंने अपने ही रिकॉर्ड को फिर से तोड़ दिया है. आज उन्होंने अब तक का सबसे लंबा भाषण दिया है.
PM Modi Speech on Independence Day: 2014 से लेकर अब तक पीएम नरेंद्र मोदी 11 बार लाल किले से देश को संबोधित कर चुके हैं. आज के भाषण के बाद पीएम मोदी सबसे ज्यादा बार भाषण देने वाले प्रधानमंत्रियों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं. इस मामले में पहला नाम पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू का है, उन्होंने 17 बार लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया है, वहीं दूसरा नाम पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का है. उन्होंने 16 बार लाल किले से 15 अगस्त के मौके पर भाषण दिया है.
लेकिन लाल किले से सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड पहले से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही पास था. आज उन्होंने अपने ही रिकॉर्ड को फिर से तोड़ दिया है. उन्होंने आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अब तक का सबसे लंबा भाषण दिया है. जानिए पिछले 11 वर्षों में स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने कितना लंबा भाषण दिया.
सबसे लंबे भाषण का नया रिकॉर्ड बनाया
लाल किले के प्राचीर से आज पीएम मोदी ने 98 मिनट का भाषण दिया है. इससे पहले रेड फोर्ट से उनका सबसे लंबा भाषण 94 मिनट का था, जो उन्होंने साल 2016 में दिया था. इस तरह पीएम ने आज अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. बता दें कि अब तक पीएम का सबसे छोटा भाषण साल 2017 के स्वतंत्रता दिवस का रहा है. उस दिन प्रधानमंत्री मोदी का भाषण केवल 56 मिनट का रहा था. ये उनका अब तक का सबसे छोटा भाषण है.
जानिए कब-कब कितना लंबा भाषण दिया
साल 2014- 65 मिनट
साल 2015- 86 मिनट
साल 2016- 94 मिनट
साल 2017- 56 मिनट
साल 2018- 82 मिनट
साल 2019- 93 मिनट
साल 2020- 86 मिनट
साल 2021- 88 मिनट
साल 2022- 83 मिनट
साल 2023- 90 मिनट
साल 2024- 98 मिनट
आज के भाषण में खास रही ये बातें
पीएम ने कहा कि अगले 5 साल में मेडिकल लाइन में 75,000 नई सीटें बनाए जाने का ऐलान किया. साथ ही इस बीच उन्होंने UCC का मुद्दा भी उठाया. पीएम ने कहा कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं, वह सचमुच में एक प्रकार का कम्युनल सिविल कोड है. भेदभाव करने वाला सिविल कोड है. इसलिए अब देश में एक सेकुलर सिविल कोड होना चाहिए. देश को अब यूसीसी की जरूरत है. इस पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए.