हाइपरटेंशन (Hypertension) यानी हाई बीपी आजकल की कॉमन समस्‍या बन चुकी है. इसका बड़ा कारण है खराब लाइफस्‍टाइल. परेशानी की बात ये है कि इस समस्‍या से जूझ रहे तमाम लोगों को ये अहसास भी नहीं है कि उन्‍हें हाई बीपी की समस्‍या है. डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक दुनिया भर में करीब 1.28 अरब लोगों को हाई बीपी की समस्‍या है, लेकिन इनमें से 46 प्रतिशत को पता ही नहीं है. इसका एक बड़ा कारण ये है कि हाई बीपी के कोई स्‍पष्‍ट लक्षण नहीं हैं. दुनियाभर में प्रीमैच्‍योर डेथ का बड़ा कारण हाई बीपी भी है. हाई बीपी (High BP) को साइलेंट किलर भी कहा जाता है. यहां जानिए इस बीमारी के लक्षण ताकि समय रहते इसे नियंत्रित किया जा सके.

हाई बीपी के लक्षण 

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हाई बीपी के तमाम मामलों में कोई स्‍पष्‍ट लक्षण सामने नहीं आते हैं. फिर भी कुछ कॉमन लक्षणों से आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं. ये लक्षण हैं-

तेज सिरदर्द

छाती में दर्द

चक्कर आना

सांस लेने में दिक्क्त

जी मिचलाना

उल्टी करना

धुंधली दृष्टि या अन्य दृष्टि परिवर्तन

कानों में गूंजने की आवाज

नकसीर फूटना

असामान्य हृदय गति

हाई बीपी के रिस्‍क फैक्‍टर

बहुत ज्‍यादा नमक का सेवन, गरिष्‍ठ और चिकनाईयुक्‍त चीजें, शारीरिक निष्क्रियता, तंबाकू और शराब का की आदत, मोटापा, फैमिली हिस्‍ट्री, डायबिटीज, शुगर आदि को इसकी वजह माना जाता है. 

कितना खतरनाक है हाई बीपी

हाई बीपी की समस्‍या से सिर्फ हार्ट अटैक और स्‍ट्रोक का ही खतरा नहीं होता है, बल्कि ये किडनी फेल्‍योर, मल्‍टी ऑर्गन फेल्‍योर,अंधेपन जैसी गंभीर स्थितियां भी पैदा कर सकता है. इसलिए हाई बीपी की समय से पहचान कर डॉक्‍टर से परामर्श करना चाहिए, ताकि इस समस्‍या को नियंत्रित रखा जा सके. 

कैसे कंट्रोल करें बीपी

  • हाई बीपी के मरीजों को बहुत ज्‍यादा नमक नहीं खाना चाहिए. WHO के मुताबिक, हर व्यक्ति को रोजाना 5 ग्राम से अधिक नमक नहीं लेना चाहिए.
  • गरिष्‍ठ और चिकनाईयुक्‍त भोजन, जंकफूड, फास्‍टफूड, प्रोसेस्‍ड मीट, पैकेट बंद चीजें आदि को खाने से परहेज करें. ये चीजें मोटापे की वजह बनती हैं और मोटापा हाई बीपी का बड़ा कारण है.
  • नियमित रूप से वर्कआउट करें ताकि आपका वेट न बढ़े और शरीर फिट रहे. योग और मेडिटेशन करें ताकि आपका दिमाग शांत रहे और तनाव से बचे रहें. तनाव को भी हाई  बीपी की वजह माना जाता है. 
  • फल, हरी सब्जियां, सलाद, जूस आदि हेल्‍दी चीजों को डाइट में शामिल करें. 
  • अगर आप हाई बीपी की कोई दवा ले रहे हैं, तो उसे नियमित रूप से समय पर लेते रहें. 
  • अगर आपके घर में हाई बीपी की फैमिली हिस्‍ट्री रही है, तो 40 साल के बाद नियमित रूप से जांच करवाएं. 
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