देश के तमाम हिस्‍सों में लगातार हो रही बारिश से तमाम जगहों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. देश की राजधानी दिल्‍ली के तमाम इलाकों को जलमग्‍न करने के बाद यमुना नदी का पानी अब आगरा तक पहुंच गया है. मंगलवार को यमुना का जलस्तर 499.97 फीट तक पहुंच गया, जिसके बाद यमुना नदी अपने किनारों को तोड़ते हुए शहर में पहुंच गई हैं. यमुना का पानी ताजमहल की दीवारों तक पहुंच गया है. इससे लोगों को 'मोहब्बत की निशानी' ताजमहल की फिक्र सताने लगी है.हालांकि ताज महल को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी कि ASI के बयान से थोड़ी राहत मिली है. ASI का कहना है कि बढ़े हुए जलस्‍तर से ताज महल को किसी तरह का खतरा नहीं है. 

ताजमहल को यमुना के जल से कोई खतरा नहीं

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वहीं आगरा के वरिष्‍ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह, जो ताजमहल को लेकर लंबे समय तक काम कर चुके हैं, उनका कहना है कि यमुना का जल ताजमहल के आसपास के निचले इलाकों तक पहुंचा है. इसके कारण मेहताब बाग डूब गया है. लेकिन ये ताजमहल के अंदर नहीं घुसा है. अगर यमुना का पानी ताजमहल के अंदर घुस भी जाए तो भी ताजमहल को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है क्‍योंकि ताजमहल की नींव को ही एक लकड़ी पर रखा गया है, जो पानी से और ज्‍यादा मजबूत हो जाती है. वहीं दीवारों की अगर बात करें तो ताजमहल की दीवारें पत्‍थर से बनी हैं, इसलिए उनको भी यमुना के पानी से नुकसान का कोई खतरा नहीं है.

1978 में ताजमहल में घुस गईं थीं यमुना

डॉ. भानु प्रताप सिंह ने बताया कि इससे पहले साल 1978 में यमुना का पानी ताजमहल के अंदर घुस गया था, लेकिन तब भी ताजमहल को पानी के चलते नुकसान नहीं हुआ. इसके बाद 2010 में भी ताजमहल के आसपास पानी आया था, लेकिन अंदर नहीं घुसा था. अभी भी वही स्थिति है. यमुना के जल ने ताजमहल की पिछली दीवार को छू लिया है. ताजमहल के आसपास बने निचले इलाकों में भर गया है, कई आवासीय कॉलोनियों और गांवों तक पहुंच गया है. यहां तक कि मेहताब बाग स्मारक भी इसके कारण जलमग्‍न हो गया है, इसके कारण पर्यटकों के लिए मेहताब बाग को अनिश्चितकाल के लिए बंद भी किया गया है. लेकिन अभी ताजमहल के अंदर नहीं घुसा है.

 

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