Pankaj Tripathi Birthday: बेहद संघर्ष भरा रहा 'कालीन भैया' का सफर, कभी होटल में बनाया खाना तो कभी चुराई मनोज बाजपेयी की चप्पल
बॉलीवुड के फेमस पंकज त्रिपाठी का आज 5 सितंबर को 46वां जन्मदिन है. आइए इस होनहार एक्टर के जन्मदिन पर जानें उनकी जिंदगी से जुड़ी कई बेहतरीन किस्से.
Pankaj Tripathi Birthday: बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी का आज जन्मदिन है. उनका जन्म 5 सितंबर 1976 में बिहार के गोपालगंज में हुआ था. 5 सितंबर को पंकज 46 साल के हो गए हैं. बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. आज के युवा पीढ़ी पंकज त्रिपाठी के फैन हैं. वे उन्हें अपना आदर्श मानते हैं. अपने शुरुआती करियर में वे थिएटर करते थे. इसके साथ उन्होंने पटना के एक होटल में काम भी किया. उनकी लाइफ के कई ऐसे किस्से हैं जो बहुत कम लोग जानते हैं. एक्टर बनने से पहले उन्होंने मनोज बाजपेयी की चप्पल चुराई थी ये बहुत कम लोगों को पता है.
किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं पकंज
5 सितंबर 1976 को बिहार के गोपालगंज जिले के बेलसंड गांव में जन्मे पंकज त्रिपाठी को बचपन से ही एक्टिंग काफी पसंद था. वह गांव में होने वाले नाटकों में लड़की का किरदार निभाने थे, जिसे लोग काफी पसंद करते थे. बिहार के किसान परिवार में जन्में पंकज त्रिपाठी का बॉलीवुड में सफर आसान नहीं था. हिंदी सिनेमा में अपने शानदार अभिनय के बदौलत उन्होंने सक्सेस पाया. बॉलीवुड में उनका सफर इतना आसान नहीं था. फिल्मों में काम के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया है. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाने के लिए उन्होंने सालों तक संघर्ष किया था. लेकिन उन्हें बतौर एक्टर पहचान 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से मिली है. 'मिर्जापुर' में उनके किरदार कालीन भैया ने उन्हें बड़ा एक्टर बना दिया.
मनोज बाजपेयी की चप्पल चुराई
फिल्मों में एक्टिंग करने से पहले पंकज त्रिपाठी पटना के मौर्या होटल में काम करते थे. उस दौरान मनोज बाजपेयी उस होटल में रुकने के लिए आए थे. उस दौरान मनोज बायपेयी अपनी चप्पल छोड़ गए थे, स्टाफ से मिन्नतें करने के बाद उन्होंने वो चप्पल अपने पास रख ली, क्योंकि वो मनोज को अपना बहुत बड़ा गुरु मानते थे.
गांव में नहीं थी बिजली
पंकज त्रिपाठी ने अपने एक इंटरव्यू में अपनी बचपन की यादों को बताया. उन्होंने बताया कि वह बिहार के एक बहुत छोटे से गांव से आते हैं. उन्होंने एक किस्से का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमारे गांव में बिजली तक नहीं थी, मैं 10वीं में था और हमने ना कोई टीवी, ना सिनेमा कुछ नहीं देखा था, ना ही तब हमारे गांव में बिजली आई थी.
पापा चाहते थे बेटा डॉक्टर बनें
पंकज त्रिपाठी के पिता जी चाहते थे कि वे डॉक्टर बनें. इसके लिए मैंने दो बार एंट्रेंस एग्जाम भी दिया था लेकिन असफल रहा. इसके बाद मैंने उन्हें बोल दिया कि दिल्ली में मैं ड्रामा स्कूल में पढूंगा. तो इस पर उन्होंने सिर्फ यही पूछा था कि क्या नौकरी मिल जाएगी? मैंने कहा था मुझे वहां सरकारी टीचर की नौकरी मिल जाएगी. ये बात सुनकर पिता जी निश्चिंत हो गए और मुझे एक्टिंग के लिए फिर कभी नहीं रोका. पंकज ने बताया कि कॉलेज के दिनों में स्टूडेंट पॉलिटिक्स के कारण उन्हें जेल में करीब 7 दिन गुजारने पड़े थे. इस दौरान उन्होंने पुलिस की मार भी खूब खाई.
पत्नी ने हर वक्त दिया साथ
एनएसडी के बाद 16 अक्टूबर 2004 को पंकज त्रिपाठी ने मुंबई का रुख किया. जहां उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. उस दौरान उनकी पत्नी मृदुला ने उनकी काफी मदद की. वे बताते हैं कि पत्नी की वजह से मुझे मुंबई के फुटपाथ पर सोने की नौबत नहीं आयी. उनकी पत्नी एक टीचर हैं. उस दौर में घर का सारा खर्चा पत्नी ही चला रही थीं. एक वाक्ये को बताते हुए वे काफी इमोशनल हो गए. उन्होंने बताया कि एक बार की बात है मेरी पत्नी का जन्मदिन था. उस दिन और मेरे पास न तो केक के पैसे थे और न ही गिफ्ट के. उस वक्त मैं कोई भी काम नहीं करता था. पत्नी ही घर का खर्चा चलाती थीं. दोनों की एक बेटी आशी त्रिपाठी है.
गैंग्स ऑफ वासेपुर' से चमकी किस्मत
2004 में आई 'रन' में छोटा सा किरदार निभाने के बाद वह कई फिल्मों में छोटे-छोटे रोल में नजर आए. लेकिन उनकी किस्मत 2012 में 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से चमकी. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों और वेब सीरीज में बेहतरीन अभिनय किया.'मिर्जापुर' के कालीन भैया हो या फिर 'क्रिमिनल जस्टिस' के माधव मिश्रा, हर वेब सीरीज में उन्होंने अपने अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया. वहीं, सेक्रेड गेम के गुरुजी बनकर भी छा गए थे. इसके अलावा वह 'लूका छुपी', 'न्यूटन', 'बरेली की बर्फी', 'गुड़गांव' सहित कई फिल्मों में नजर आए हैं.
10:16 AM IST