Dhanteras 2024 Date: 29 या 30 अक्टूबर कब है धनतेरस? किस दिन और किस मुहूर्त में खरीदें सोना
Dhanteras 2024 Date When is Dhanteras will celebrate why gold is bought on this day and auspicious time to buy gold
दिवाली (Diwali 2024) के त्योहार में थोड़ा ही समय बाकी रह गया है. पांच दिनों के इस पर्व की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras) से होती है और समापन भाई दूज (Bhai Dooj 2024) के साथ होता है. लेकिन इस बार लोगों को धनतेरस की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है. कुछ लोग धनतेरस 29 अक्टूबर को बता रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे 30 अक्टूबर को मनाने के लिए कह रहे हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानते हैं धनतेरस की सही डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में-
कब मनाया जाएगा धनतेरस
ज्योतिषाचार्य की मानें तो कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर मंगलवार की सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट तक रहेगी. चूंकि इस दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा प्रदोष काल में होती है और प्रदोष काल की तेरस तिथि 29 अक्टूबर को रहेगी. ऐसे में धनतेरस का पर्व भी 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा होती है और सोना खरीदने का चलन है. वैसे तो ये पूरा दिन खरीददारी के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है, लेकिन अगर शुभ मुहूर्त की बात करें तो सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त 29 अक्टूबर मंगलवार को शाम 06 बजकर 34 मिनट से रात 08 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. वहीं पूजन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो शाम 06 बजकर 34 मिनट से रात 08 बजकर 31 मिनट तक पूजन का शुभ समय रहेगा.
क्यों खरीदा जाता है सोना-चांदी
धनतेरस के दिन सोना-चांदी खरीदने का महत्व है. जो लोग सोना नहीं खरीद पाते, वो चांदी खरीदते हैं. इस दिन इनकी खरीददारी बहुत शुभ मानी जाती है. सोना-चांदी को धन माना जाता है और माता लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन अगर सोना-चांदी खरीदा जाए तो माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में समृद्धि बनी रहती है. इसलिए लोग इस दिन सोने-चांदी के आभूषण खरीदते हैं.
क्यों मनाते हैं धनतेरस
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान विष्णु ने धन्वन्तरि के रूप में अवतार लिया था, इसलिए इस दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि भगवान धन्वन्तरि समुद्र मंथन के दौरान हाथ में अमृत कलश लेकर निकले थे. इस दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा होती है, उनके साथ ही कुबेर और माता लक्ष्मी का भी पूजन होता है.