क्रिसमस डे ईसाई धर्म का बहुत बड़ा त्‍योहार है. इस दिन को ईसाह मसीह (यीशू) के जन्‍मदिन के तौर पर मनाया जाता है. क्रिसमस डे पर क्रिसमस ट्री का बहुत महत्‍व है. 25 दिसंबर के दिन सजावट वाला क्रिसमस ट्री जगह-जगह आसानी से देखने को मिल जाता है. इसे लोग रंग-बिरंगी पन्नी, चमकीले तारों, कांच के मोतियों, रिबन, रंगीन बल्बों और झालरों वगैरह से सजाते हैं. अगर कहा जाए कि क्रिसमस डे का ये खास आकर्षण होता है, तो गलत नहीं होगा. लेकिन क्‍या इस तिकोने आकार के पेड़ को देखकर आपके मन में ये सवाल आया है कि आखिर अ‍सलियत में कौन सा पेड़ क्रिसमस ट्री होता है और ये कहां मिलता है? आइए आपको बताते हैं इसके बारे में.

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जानिए क्‍या होता है क्रिसमस ट्री

सनोबर का पेड़ जिसे फर का पेड़ भी कहा जाता है, क्रिसमस ट्री कहलाता है. लेकिन तमाम जगहों पर अलग-अलग तमाम पेड़ों से क्रिसमस ट्री को तैयार किया जाता है. ये पेड़ कोनिफर या शंकुधारी यानी नीचे से चौड़े और ऊपर की ओर पतले होते जाते हैं. इसलिए इनका आकार तिकोना हो जाता है. स्प्रूस, फर, डगलस फर, चीड़, देवदार, वर्जीनिया पाइन, अफगान पाइन, रेत पाइन आदि सभी इसी तरह के होते हैं. इनसे क्रिसमस ट्री को तैयार किया जाता है. क्रिसमस के मौके पर इन्‍हें घर में लगाना काफी शुभ माना जाता है.

भारत में कहां उगते हैं क्रिसमस ट्री

उत्तर-पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में कश्मीर से उत्तराखंड तक स्प्रूस के सदाबहार पेड़ पाए जाते हैं. कश्‍मीर से लेकर शिमला, डलहौजी,  चकराता (देहरादून) में आपको ये पेड़ देखने को मिल जाएंगे. उत्तराखंड में इन पेड़ों को कथेला, मोरिंडा, काला चीलू जैसे नामों से जाना जाता है. लोग इन्‍हें चीड़ या देवदार के नाम से भी जानते हैं. ये सर्द इलाकों में ही पनपते हैं, इसलिए ज्‍यादातर पहाड़ी क्षेत्रों में ही पाए जाते हैं. 

क्रिसमस ट्री के फायदे

क्रिसमस ट्री का सिर्फ धार्मिक महत्‍व ही नहीं है, बल्कि ये वैज्ञानिक रूप से भी काफी फायदेमंद है. इसे लगाने से घर में ऑक्‍सीजन का बेहतर प्रवाह होता है. ये पेड़ कार्बन डाई ऑक्‍साइड को सोखने का काम करता है. सर्दी के मौसम में तापमान गिरने से शरीर में कई बार ऑक्‍सीजन की कमी हो जाती है. ऐसे में अगर घर में क्रिसमस ट्री को लगाया जाए तो ये घर के अंदर ऑक्‍सीजन का उचित प्रवाह बनाए रखता है. क्रिसमस के दौरान इसे घरों में सजाया जाता है और नए साल के बाद इसे हटा दिया जाता है. तब इसकी लकड़ी जलाने के काम आती है.