Chardham Yatra Reels, Videography Banned: देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा ने यात्रियों के सभी रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं. अभी तक 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. हालांकि, इस दौरान सोशल मीडिया पर चारधाम यात्रा से जुड़े कुछ रील्स लगातार शेयर किए जा रहे हैं. इसके बाद कई यूजर्स ने इस पर आपत्ति जताई थी. अब उत्तराखंड सरकार ने अहम फैसला लेते हुए चारधाम यात्रा के दौरान मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे पर वीडियोग्राफी और रील्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. 

Chardham Yatra Reels, Videography Banned: रील्स के कारण श्रद्धालुओं को हो रही है परेशानी

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा जारी आदेश में लिखा, 'राज्य में चारधाम यात्रा सुचारू रूप से संचालित की जा रही है, जिसमें सभी राज्यों से काफी अधिक संख्या में तीर्थयात्री दर्शन हेतु आ रहे हैं. राज्य सरकार द्वारा तीर्थयात्रियों को सुव्यवस्थित रूप से दर्शन कराये जाने हेतु व्यवस्था बनायी गयी है, किन्तु देखा गया है,कि कुछ व्यक्तियों द्वारा मंदिर परिसर में सोशल मीडिया हेतु वीडियोग्राफी/रील्स बनायी जा रही है, जिससे उक्त वीडियोग्राफी को देखने हेतु मंदिर परिसर में एक स्थान पर भीड़ एकत्र होने के कारण श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा हो रही है.'

Chardham Yatra Reels, Videography Banned: मंदिर के 50 मीटर दायरे में रील्स और वीडियोग्राफी पर लगा बैन 

उत्तराखंड सरकार के आदेश में आगे लिखा है, 'अतः श्रद्धालुओं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए चारोधामों में मन्दिर परिसर की 50 मीटर की परिधि में सोशल मीडिया हेतु वीडियोग्राफी/Reels बनाये जाना पूर्णतः प्रतिबन्धित किया जाना सुनिश्चित करें.' आपको बता दें कि चारों धामों में श्रद्धालुओं की उमड़ रही भारी भीड़ के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने बृहस्पतिवार को 31 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था न करने तथा हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन पंजीकरण 19 मई तक बंद रखने का निर्णय लिया है.

Chardham Yatra VIP Darshan: 31 मई तक VIP दर्शन पर लगाया बैन, 27 लाख श्रद्धालुओं ने कराया पंजीकरण

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजे एक पत्र में कहा है कि शुरूआती दिनों में ही पवित्र धामों में श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित संख्या को देखते हुए भीड़ के बेहतर प्रबंधन के लिए 31 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था नहीं करने का निर्णय लिया गया है. 25 अप्रैल को चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया गया था और बृहस्पतिवार शाम तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण किए जा चुके हैं.