अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले ई कॉमर्स वेबसाइट अमेजन पर राम मंदिर का नकली प्रसाद बेचा जा रहा था. जिसके बाद केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) से नोटिस मिलने के बाद Amazon ने 'श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद' नाम से बेची जाने वाली मिठाइयां प्लेटफॉर्म से हटा दी हैं. IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, इन उत्पादों में 'घी बूंदी लड्डू', 'खोया खोबी लड्डू', 'रघुपति घी लड्डू' और 'देसी गाय के दूध का पेड़ा' शामिल है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अमेजन के प्रवक्ता ने अपने एक बयान में कहा, हमें कुछ विक्रेताओं द्वारा भ्रामक उत्पाद दावों और उनके उल्लंघन की जांच के संबंध में सीसीपीए से सूचना मिली है. फिलहाल हम अपनी नीतियों के अनुसार ऐसी लिस्टिंग के खिलाफ उचित कार्रवाई कर रहे हैं.

CCPA ने मांगा Amazon.in से जवाब

एक कंपनी ने यह भी जिक्र किया कि अमेजनडॉटइन एक थर्ड-पार्टी बाज़ार है जहां विक्रेता अमेजन नहीं, भारतीय कानूनों और अमेजन नीति के अनुसार ग्राहकों को उत्पाद सूचीबद्ध करते हैं और बेचते हैं. नोटिस में सीसीपीए ने अमेजनडॉटइन पर 'श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद' नाम से मिठाइयों की बिक्री के संबंध में अमेजन से सात दिन के भीतर जवाब मांगा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि कंपनी दिए गए समय के भीतर जवाब देने में विफल रहती है, तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

राम मंदिर के नाम पर ठगी

अयोध्या में 22 जनवरी के दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. ऐसे में अयोध्या ही नहीं देशभर में इसकी तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही हैं. इसी बीच स्कैमर्स ने भक्तों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. सायबर ठग VIP दर्शन से लेकर होटल के अरेंजमेंट सहित फ्री में मोबाइल रिचार्ज करने तक के नाम पर लोगों को झांसा दे रहे हैं.

सरकार ने जारी की एडवाइजरी

22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम लला प्राण प्रतिष्ठा के पूरे भारत में आगामी उत्सव के संदर्भ में, भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पाया है कि विशेषकर सोशल मीडिया पर कुछ असत्यापित, भड़काऊ और फर्जी संदेश फैलाए जा रहे हैं जिससे सांप्रदायिक सद्भाव और सार्वजनिक व्यवस्था बिगड़ सकती है. इसे देखते हुए, मंत्रालय ने आज, 20 जनवरी, 2024 को समाचार पत्रों, टेलीविजन चैनलों, डिजिटल समाचार प्रकाशकों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को एक एडवाइजरी जारी की है.

ऐसी किसी भी सामग्री जो गलत हो या जिसमें किसी तरह का हेरफेर किया जा सकता हो या जिससे देश में सांप्रदायिक सद्भाव या सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की संभावना हो, को प्रकाशित या प्रसारित करने से बचने की सलाह दी गई है. इसके अलावा, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को भी ऊपर उल्लिखित प्रकृति की सूचना को होस्ट, प्रदर्शित या प्रकाशित न करने के लिए उचित प्रयास करने की सलाह दी गई है.