दूरसंचार विनियामक ने मंगलवार को कहा कि भारतीय संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को 4जी स्पेक्ट्रम आवंटन के संबंध में सरकार का संकेत मिला है और वह जल्द ही विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू करेगा. ट्राई के चेयरमैन आर. एस. शर्मा ने कहा, "बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर ट्राई जल्द ही विचार-विमर्श करेगा. कुछ दिन पहले हमें संकेत मिला है." शर्मा यहां ओपन ओएस सिस्टम को लेकर आईसीईए-केपीएमजी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे.

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4जी के परिमाण पर भी विचार होगा

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) अपने विमर्श के दौरान कई मसलों को शामिल करेगा, जिनमें इस बात पर भी विचार किया जाएगा कि क्या पीएसयू को नीलामी से अलग स्पेक्ट्रम दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे निजी ऑपरेटरों के साथ बोली में हिस्सा नहीं लेते हैं. इस दौरान बीएसएनएल को प्रशासनिक स्पेक्ट्रम के आवंटन, कीमत और 4जी के परिमाण पर भी विचार किया जाएगा. 

बीएसएनएल के पास पांच एमएचजेड स्पेक्ट्रम

बीएसएनएल के पास इस समय 800 एमएचजेड बैंड में पांच एमएचजेड स्पेक्ट्रम है. लेकिन संपूर्ण भारत में 4जी सेवा का विस्तार करने के लिए इसे कम से कम संचयी 10 एमएचजेड रेडियो तरंग की आवश्यकता है. राजस्थान में पीएसयू 4जी स्पेक्ट्रम का उपयोग करेगी जहां इसके पास प्लान के आधार पर 800 एमएचजेड बैंड है. सूत्र ने बताया कि दूरंसचार विभाग (डीओटी) ट्राई की राय का अनुपालन करेगा लेकिन अब देखना है कि विनियामक का क्या कहना है. 

 

 

ट्राई की टिप्पणी लेने की सलाह 

अंतर-मंत्रालयी समिति डिजिटल कम्यूनिकेशन कमीशन ने डीओटी को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में इस मसले पर ट्राई की टिप्पणी लेने की सलाह दी है. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार, बगैर नीलामी के दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को स्पेक्ट्रम आवंटित नहीं किया जा सकता है. दिल्ली और मुंबई को छोड़ पूरे भारत में बीएसएनएल का संचालन है और कंपनी 2100 एमएचजेड बैंड में 4जी स्पेक्ट्रम का पांच एमएचजेड की मांग करती रही है, जिसके लिए इसने डीओटी को एक प्रस्ताव भेजपा है. बीएसएनएल करीब 13,885 करोड़ रुपये कीमत का 4जी स्पेक्ट्रम प्राप्त करना चाहती है.