दूरसंचार नियामक TRAI ने मिनिमम टैरिफ तय करने के लिए Consultation Paper जारी किया है. इसके तहत भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) मोबाइल फोन कॉल (Call) और डेटा (Data) के लिए न्यूनतम दर (Minimum Tariff) तय करेगा. प्रस्तावित व्यवस्था लागू होने से मुफ्त कॉल और सस्‍ते डेटा का दौर खत्‍म हो जाएगा.

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TRAI के मुताबिक दूरसंचार कंपनियों ने टैरिफ रेगुलेशन के लिए हमें लिखा है. हालांकि पहले उन्‍होंने इसका कड़ा विरोध किया था. उनका मत था कि टैरिफ तय करना कंपनियों के अधिकार में होना चाहिए.

वोडाफोन, एयरटेल ने रखी मांग 

दूरसंचार सेवाओं के मिनिमम टैरिफ के मामले में नहीं पड़ने के अपने रुख में वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea), एयरटेल (Airtel) जैसी दूरसंचार कंपनियों की पुरानी मांग पर गौर करते हुए बदलाव किया है. यह परामर्श पत्र इसीलिए जारी किया गया है. 

17 जनवरी तक सुझाव मांगे

TRAI ने न्यूनतम शुल्क दरों के बारे में 17 जनवरी तक सुझाव मांगें हैं. भारती एयरटेल (Bharti Airtel) क्षेत्र की व्यवर्हायता के लिये मिनिमम टैरिफ की मांग करती रही है. रिलायंस जियो (Reliance Jio) की फोन पर मुफ्त बातचीत और सस्ता डेटा शुल्क की पेशकश से प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के मार्जिन पर असर पड़ा है.

टेलिकॉम शुल्‍क से बाजार में समानता आएगी

ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा के मुताबिक टेलिकॉम शुल्‍क तय होने से बाजार में समानता आएगी. कंपनियां मनमानी नहीं कर पाएंगी. नियामक इस दिशा में सोच रहा है. शर्मा के मुताबिक नियामक ग्राहकों के संरक्षण, कम्‍पीटीशन और सेक्‍टर की तरक्‍की पर काम करता है.

2017 में भी उठी थी मांग

शर्मा के मुताबिक 2017 में टेलिकॉम कंपनियों ने दूरसंचार नियामक से मिनिमम टैरिफ तय करने का प्रस्ताव किया था. लेकिन उस समय इस पर सहमति नहीं बन पाई थी.