Playing PUBG is dangerous: Gaming के शौकीनों के लिए बड़ी खबर हैं. खासकर की उन लोगों के लिए जो PUBG खेलते हैं. आज कल PUBG खेलना इतना रेगुलर हो गया है कि घंटो बच्चे से लेकर टीनेजर्स तक गेम खेलने में लगे रहते हैं. लेकिन क्या आपको पता है ये कितना खतरनाक है. अगर नहीं...तो नीचे दिया हुआ वीडियो जरूर देखें. राजस्थान की केस स्टडी में एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें एक बच्चे का गेम खेल-खेलकर मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. 

कितना Dangerous हो गया गेम खेलना

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PUBG खेलना इतना Dangerous हो गया है कि एक बच्चे का मनसिक संतुलन ही बिगड़ गया. राजस्थान की एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि एक 16 साल का बच्चा रात को सोते समय भी PUBG के एक्शंस करता है. क्या कहता है?... फायर-फायर...साइड में मार साइड में...ऐसे ही कई शब्द वो नींद में बड़बड़ाता है. नींद में भी उसके हाथ चलते रहते हैं. PUBG में वो इतना डूब गया कि उसने खाना-पीना तक छोड़ दिया.  

गेम खेलते-खेलते खो बैठा संतुलन

ANI पर सामने आया वीडियो बताता है कि ये बच्चा PUBG इतना रेगुलर्ली खेलता है कि उसे ऐसी लत पड़ गई कि वो अपना मानसिक संतुलन खो बैठा. इस बच्चे का फिलहाल दिव्यांग संस्थान के होस्टल में इलाज चल रहा है. उसकी हालत इतनी खराब है कि उसे हाथ-पैर बांधकर रखा गया है. 

क्या है कहानी?

दरअसल मामला राज्सथान के अलवर की मंगास्का कॉलोनी का है. यहां रहने वाला एक 14 साल का राहुल (बदला हुआ नाम) 7th Class में पढ़ता है. पिछले करीब 7 महीने से वह मोबाइल पर PUBG और Free Fire जैसे ऑनलाइन गेम खेल रहा था. उसे गेम की ऐसी लत लगी कि वह दिन में 14-15 घंटे गेम खेलता था. रात में चादर और रजाई ओढ़कर गेम खेलता ताकि फैमिली मेंबर्स को पता ना चले. इतना ज्यादा गेम खेलने की वजह से वो बीमार हो गया और उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया.

राहुल के पेरेंट्स ने बताया कि उन्होंने बच्चे को मोबाइल फोन केवल ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दिया. इसके लिए उन्होंने घर पर Wifi भी लगवाया था. इस वजह से नेट की कोई समस्या नहीं थी, यही वजह है कि वो अपना ज्यादा टाइम मोबाइल पर गेम खेलकर बिताता था. पेरेंट्स को इसका पता चला तो उन्होंने उसे गेम नहीं खेलने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना.

PUBG छुटवाया तो घर से भाग गया

PUBG की लत छुटवाने के लिए जब घर वालों ने उसके साथ ज्यादा टोका-टाकी की तो वह दो बार गुस्सा होकर घर से चला गया. पेरेंट्स ने बड़ी ही मुश्किल से उसे रेवाडृी में ढूंढा और पकड़कर घर वापस ले आए. इसके बाद अप्रैल से मई तक उसे घर में बांधकर रखा. इसी बीच उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. पेरेंट्स ने उसे जयपुर के एक अस्पताल में डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ. अभी उसे अलवर के एक हॉस्टल में रखा गया है, जहां मनोरोग चिकित्सक और साइकोलॉजिस्ट उसका इलाज कर रहे हैं. साथ ही स्पेशल काउंसलर भी उसके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए हैं.

PUBG और Free Fire में नहीं हारना चाहते खिलाड़ी

PUBG और Free Fire की सबसे बड़ी बात ये है कि इन गेम्स को खेलने वाला कोई भी खिलाड़ी हारना नहीं चाहता. अगर, वह हार जाता है तो जीतने के लिए गेम को बार-बार खेलता है. इससे उसे गेम खेलने की लत पड़ जाती है. कई बार बच्चे इस गेम का इस कदर शिकार हो जाते हैं कि वे आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेते हैं.

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