भूल कर भी न करें Any Desk App डाउनलोड, खाली हो जाएगा आपका बैंक अकाउंट
RBI ने कहा है कि पिछले कुछ समय से यूपीआई प्लेटफॉर्म पर लेन-देन करने वालों के साथ धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़े हैं. हैकर्स मोबाइल फोन को रिमोट एक्सेस पर लेकर बैंक खाते से पैसे उड़ा दे रहे हैं.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे लोगों को एनीडेस्क ऐप के जरिये होने वाली धोखाधड़ी को लेकर जागरूक करें. (प्रतीकात्मक चित्र)
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे लोगों को एनीडेस्क ऐप के जरिये होने वाली धोखाधड़ी को लेकर जागरूक करें. (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल इंडिया के दौर में डिजिटल फ्रॉड के मामले में भी बढ़े हैं. इसलिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. अब नासिक के एक किसान की बात करें तो 'गूगल पे' पर फोन रिचार्ज करना उसे इतना भारी पड़ा कि 100 रुपये के रिचार्ज पर उसके बैंक खाते से 91 हजार रुपये ही उड़ गए. किसान की एक छोटी सी गलती से उसे अपनी पूरे साल की कमाई गंवाकर चुकानी पड़ी. किसान ने गलती से एनीडेस्क ऐप डाउनलोड कर लिया, जिससे उसका बैंक खाता खाली हो गया. ऐनीडेस्क ऐप को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक भी गाइडलाइंस जारी कर चुका है.
नासिक के किसान को लगा 91 हजार का चूना
दरअसल, नासिक के एक किसान रवि भंदुरे ने 'गूगल पे' ने अपना फोन रिचार्ज किया, लेकिन दो बार कोशिश करने पर भी जब उसका फोन रिचार्ज नहीं हुआ तो उसने ऑनलाइन ही 'गूगल पे' के कस्टमर केयर का नंबर सर्च किया और उस पर फोन किया. कस्टमर केयर की तरफ से रवि भंदुरे को एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करने की सलाह दी गई. किसान ने कस्टमर केयर के कहने पर एनीडेस्क ऐप डाउनलोड किया और जैसे-जैसे उसे डायरेक्शन मिलते रहे, उसके वैसा ही किया. लेकिन कुछ ही देर बाद उसके बैंक खाते से पैसे निकालने के मैसेज आने लगे और देखते ही देखते 91 हजार रुपये निकाल लिए गए.
RBI ने जारी की गाइडलाइंस
बता दें कि कुछ समय पहले आरबीआई ने गूगल प्ले स्टोर या अन्य ऐपस्टोर पर मौजूद एनीडेस्क ऐप को डाउनलोड नहीं करने की सलाह दी थी. आरबीआई का कहना है कि यह ऐप आपके बैंक खाते और ऑनलाइन वॉलेट में मौजूद पैसों को उड़ा सकता है.
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आरबीआई ने कहा है कि पिछले कुछ समय से यूपीआई प्लेटफॉर्म पर लेन-देन करने वालों के साथ धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़े हैं. हैकर्स मोबाइल फोन को रिमोट एक्सेस पर लेकर बैंक खाते से पैसे उड़ा दे रहे हैं.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे लोगों को एनीडेस्क ऐप के जरिये होने वाली धोखाधड़ी को लेकर जागरूक करें. क्योंकि अधिकतर लोग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से ही लेन-देन कर रहे हैं.
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कैसे काम करता है एनीडेस्क ऐप
सोशल मीडिया से अक्सर एनीडेस्क ऐप को डाउनलोड करने का सुझाव मिलता. जब कोई ग्राहक एनीडेस्क ऐप को डाउनलोड करता है उसे उसके पास एक 9 डिजिट का कोड आता है. इस कोड को ऐप में फीड करने बाद फ्रॉड करने वाले ग्राहक से उस कोड को ले लेते हैं. इसके बाद ऐप पर आपसे परमिशन मांगी जाएगी. जैसे ही ग्राहक परमिशन देता है तो ग्राहक के फोन का कंट्रोल हैकर्स के पास चला जाता है और हैकर्स ग्राहक के फोन में मौजूद सभी जानकारियों का इस्तेमाल कर ग्राहक के बैंक खाते को खाली कर देते हैं.
04:20 PM IST