Facebook बिटक्वाइन की तर्ज पर बना रहा है अपनी क्रिप्टो करेंसी, WhatsApp पर हो सकेगा लेन-देन
इस आभासी मुद्रा के जरिये उपयोगकर्ता वॉट्सऐप मेसेजिंग ऐप पर पैसों का लेन-देन कर सकेंगे. कंपनी यह पहल भारत के पैसे भेजने के बाजार ( रेमिटेंस मार्केट) को ध्यान में रखते हुए कर रही है.
दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग कंपनी फेसबुक अब बिटक्वाइन की तर्ज पर क्रिप्टो करेंसी (आभासी मुद्रा) बना रहा है. कंपनी यह पहल भारत के पैसे भेजने के बाजार ( रेमिटेंस मार्केट) को ध्यान में रखते हुए कर रही है. इस आभासी मुद्रा के जरिये उपयोगकर्ता व्हाट्सएप मेसेजिंग ऐप पर पैसों का लेन-देन कर सकेंगे. इस मामले से जुड़े लोगों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर इसकी जानकारी दी है. कंपनी ने अपनी इस क्रिप्टो करेंसी का नाम stablecoin रखा है.
पहले से लग रहे थे कयास
फेसबुक फिलहाल तो इस मुद्रा को तुरंत जारी करने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि कंपनी अभी इस विषय पर अपनी रणनीति पर विचार ही कर रही है. कंपनी ने साल 2014 में अपने मैसेंजर ऐप के संचालन के लिए पेपल के पूर्व प्रेसीडेंट डेविड मार्कस को नियुक्त किया था. इसके बाद से ही यह कयास लग रहे थे कि फेसबुक आने वाले समय में वित्तीय सुविधा भी उपलब्ध कराएगी. इसी साल मई में मार्कस को कंपनी के ब्लॉकचेन इनिशिएटिव का प्रमुख बना दिया गया, इसकी जानकारी सार्वजनिक तौर पर नहीं दी गई. फेसबुक लोगों को नियुक्त कर रही है और उसके ब्लॉकचेन ग्रुप में लगभग 40 लोग हैं.
नई टीम तलाश रही है संभावनाएं
ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक, कंपनी के एक प्रवक्ता का कहना है कि अन्य कंपनियों की तरह फेसबुक भी ब्लॉकचेन टेक्नॉलजी की ताकत का इस्तेमाल करने के तरीके ढूंढ रही है. यह छोटी सी नई टीम विभिन्न ऐप्लिकेशंस में संभावनाएं तलाश रही है. हमारे पास आपको बताने के लिए इसके सिवा और कुछ नहीं है.'
बिटक्वाइन एक आभासी मुद्रा है जो भारत में प्रतिबंधित है.
भारत में 20 करोड़ से अधिक यूजर
फेसबुक की मोबाइल-मेसेजिंग ऐप व्हाट्सएप भारत में काफी लोकप्रिय है. यहां इसके 20 करोड़ से भी अधिक यूजर हैं. रेमिटेंस के क्षेत्र में भी दुनियाभर में भारत का दबदबा है. वर्ल्ड बैंक ने इस साल अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि लोगों ने दुनियाभर से अपने देश भारत में वर्ष 2017 में 69 अरब डॉलर भेजे. आने वाले समय में इस मामले में भारत और प्रभावी होगा.