आने वाले दिनों में आप ऐप आधारित टैक्सी सेवा ओला-उबर की तर्ज पर अब एम्बुलेंस सेवा ले सकेंगे. सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है. सरकार इसके लिए निक्षी क्षेत्र के एम्बुलेंस को एक प्लेटफॉर्म से जोड़ेगी और प्रति बुकिंग के हिसाब से भुगतान किया जा सकेगा. सरकार की यह योजना अपने खर्च में कमी लाने के तहत की गई एक पहल है. सरकार अब नई एम्बुलेंस नहीं खरीदने का फैसला किया है.

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मंत्रालय ने बनाई योजना

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अब नई एम्बुलेंस नहीं खरीदने का फैसला किया है. सरकार दरअसल, एम्बुलेंस की नई खरीद और फिर इसके रखरखाव पर होने वाले खर्च से बचने के लिए यह कदम उठाने का फैसला किया है. वर्तमान समय में अगर इस मद में होने वाले खर्च पर नजर डालें तो एक एम्बुलेंस की खरीद पर 12 से 20 लाख रुपये तक का खर्च आता है. इसके अलावा ड्राइवर और पैरा मेडिकल स्टाफ पर भी 40 हजार रुपये का खर्च आता है. 

आंध्र प्रदेश में यह प्रयोग सफल

एम्बुलेंस को ओला-उबर की तर्ज पर चलाने का प्रयोग आंध्र प्रदेश में काफी हद तक सफल रहा है. हिन्दुस्तान की खबर के मुताबिक, इसे जल्द ही देशभर में लागू करने पर विचार किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध निदेशक मनोज झालानी ने कहा कि एम्बुलेंस सेवा को उबर की तरह ही लाया जाएगा. इसके लिए एम्पावर्ड प्रोग्राम कमिटी में सबमति भी बन चुकी है.

फोन पर भी बुक कर सकेंगे एम्बुलेंस

इस एम्बुलेंस सेवा को ऐप से तो बुक कर ही सकेंगे, साथ ही इसकी बुकिंग आप फोन कर या अपने पास के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर भी करा सकेंगे. यह सुविधा किसी खास जगह पर कभी इंटरनेट सेवा उपलब्ध न होने की स्थिति के लिए उपलब्ध कराई जाएगी. सरकार को इस योजना से काफी लाभ मिलने वाला है. इस योजना से सरकार के पास बिना कोई एकमुश्त रकम खर्च किए एम्बुलेंस की पूरी खेप तैयार हो जाएगी. साथ ही रखरखाव और कर्मचारियों पर होने वाली खर्च भी बच जाएगा.