स्टॉक को कम करने के लिए 16 करोड़ परिवारों को सस्ती दर पर चीनी देगी सरकार
देश में चीनी का बढ़ता स्टॉक चीनी मिलों के साथ-साथ सरकार के लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है. स्टॉक के कारण शुगर मिल चीनी को एमएसपी से कम दाम पर बेचने को मजबूर हैं.
सरकार ने चीनी के स्टॉक को कम करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये सस्ती दरों पर 16.3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को एक किलो चीनी उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है.
सरकार ने चीनी के स्टॉक को कम करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये सस्ती दरों पर 16.3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को एक किलो चीनी उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है.
देश में चीनी का बढ़ता स्टॉक चीनी मिलों के साथ-साथ सरकार के लिए भी परेशानी का सबब बना हुआ है. स्टॉक के कारण शुगर मिल चीनी को एमएसपी से कम दाम पर बेचने को मजबूर हैं. इस साल चीनी का बंपर 430 लाख टन का स्टॉक है. चीनी मिल एसोसिएशन सरकार से मांग कर चुका है कि चीनी मिलों के बढ़ते घाटे को कम करने के लिए चीनी का एमएसपी 32 रुपये से बढ़ाकर 35-36 रुपये प्रति किलोग्राम किया जाए.
उधर, सरकार ने चीनी के स्टॉक को कम करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये सस्ती दरों पर 16.3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को एक किलो चीनी उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है. इससे सरकारी खजाने पर 4,727 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. साथ ही सरकार मॉनसून से पहले भंडारण को कम करने के मकसद से अतिरिक्त अनाज उपलब्ध कराने पर भी विचार कर रही है.
पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल की पहली बैठक में सब्सिडी दरों पर चीनी उपलब्ध कराने के खाद्यान्न मंत्रालय के प्रस्ताव पर चर्चा की गयी. लेकिन उसमें कोई निर्णय नहीं हुआ. बैठक में मंत्रिमंडल ने मंत्रालय से प्रस्ताव पर फिर से काम करने तथा अतिरिक्त खाद्यान्न (चावल या गेहूं) वितरण पर विचार करने को कहा.
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2.5 करोड़ परिवारों को दी जा रही है सस्ती चीनी
फिलहाल अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत 2.5 करोड़ परिवारों को 13.5 रुपये किलो पर चीनी की आपूर्ति की जा रही है. अगर सरकार इस योजना में अन्य लोगों को भी जोड़ती है तो अतिरिक्त 16.29 करोड़ लाभार्थी परिवारों को एक किलो चीनी मिलने से सरकारी खजाने पर 4,727 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सरकार 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज हर महीने काफी सस्ती दर पर उपलब्ध कराती है. इसके तहत गेहूं 2 रुपये किलो जबकि चावल 3 रुपये किलो दिया जा रहा है.
बफर स्टॉक बढ़ा
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों में गेहूं और चावल के भंडार अटे पड़े हैं, ऐसे में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये अतिरिक्त अनाज का वितरण करने पर विचार किया जा रहा है. कुछ भंडार खुले में रखे हैं, अत: एफसीआई पर मॉनसून शुरू होने से पहले इसके निपटान का दबाव है.
बंपर पैदावार के साथ-साथ गेहूं और चावल की खरीद के कारण सरकार के पास बफर भंडार काफी अधिक हो गया है. एफसीआई ने थोक ग्राहकों को गेहूं बेचना शुरू किया है लेकिन ऊंची दर के कारण कारोबारी ऐसे समय इसे खरीदने को लेकर गंभीर नहीं हैं जब अनाज कम दर पर खुले बाजार में पहले से उपलब्ध है.
(इनपुट भाषा से)
03:19 PM IST