Stocks to buy: शेयर बाजार में मंगलवार (16 जुलाई) को तेजी के साथ कारोबार की शुरुआत हुई. इस तेजी में टेलीकॉम स्टॉक वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) में भी जोरदार उछाल देखने को मिला. शुरुआती कारोबारी सेशन में स्टॉक 5.5 फीसदी से ज्यादा उछल गया. AGR बकाया में कैलकुलेशन में गड़बड़ियां ठीक करने के लिए Voda-Idea की याचिका लिस्ट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट विचार करने को तैयार है. इस डेवलपमेंट का असर स्टॉक के मूवमेंट पर दिखाई दिया. पॉजिटिव आउटलुक को देखते हुए ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी (Citi) वोडा-आइडिया के स्टॉक पर बुलिश है. सालभर में यह टेलीकॉम शेयर 130 फीसदी उछल चुका है. 

Vodafone Idea: ₹23 अगला टारगेट 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सिटी ने Vodafone Idea पर Buy की रेटिंग बनाए रखी है. साथ ही प्रति शेयर टारगेट प्राइस 23 रुपये रखा है. 15 जुलाई 2024 को शेयर का भाव 16.7 पर बंद हुआ था. इस तरह मौजूदा भाव से स्टॉक में आगे 38 फीसदी उछल सकता है. मंगलवार को शेयर में 5 फीसदी से ज्यादा की बढ़त के साथ 17.56 पर कारोबार शुरू हुआ. बीते एक साल में यह शेयर 130 फीसदी से ज्यादा उछल चुका है. जबकि 6 महीने में शेयर 8 फीसदी और 3 महीने में 30 फीसदी से ज्यादा की तेजी दिखा चुका है. 

Vodafone Idea: क्या है ब्रोकरेज की राय 

सिटी का कहना है कि वोडाफोन आइडिया ने AGR (Adjusted Gross Revenue) केस में सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की याचिका दायर की थी. कंपनी मैनेजमेंट को फेवरेबल नतीजे आने को लेकर आशान्वित है. साथ ही यह भी भरोसा है कि सरकार का भी सपोर्ट बना रहेगा. याचिका सफल होने पर AGR बकाया 30,000-35,000 करोड़ रुपये हो सकता है. 

जल्द शुरू हो सकती है सुनवाई 

वोडाफोन आइडिया की ओर से AGR बकाया में कैलकुलेशन में गड़बड़ियां ठीक करने की दाखिला याचिका लिस्ट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट विचार करने को तैयार है. CJI ने संकेत दिया कि इस मामले को लिस्ट करने पर जल्द ही निर्णय किया जाएगा.  सीनियर एडवोकट हरीश साल्वे VI की ओर से AGR बकाया मामले को तत्काल लिस्ट कराने की मांग की थी.

वोडाफोन आइडिया की तरफ से पिछले साल सितम्बर में याचिका दी गई थी. कंपनी की फिलहाल FY24 तक लगभग 70,300 करोड़ रुपये AGR बकाया है. DoT (डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम) ने 58,254 करोड़ रुपये का AGR बकाया मांगा था और कंपनी के हिसाब से 21,533 करोड़ रुपये बकाया बन रहा था. 

AGR मामला क्या था?

  • 2005 से ही AGR की परिभाषा को लेकर मतभेद जारी था. 
  • अक्टूबर 2019 में SC ने गैर-कोर आय को भी AGR की गणना के लिए लेना होगा. 
  • सितम्बर 2020 में कोर्ट ने 10 साल में बकाया चुकाने की अनुमति दी थी. 
  • जुलाई 2021 में टेलीकॉम कंपनियों की AGR गणना को दोबारा गणना करने की याचिका को SC ने खारिज कर दिया. 

 

(डिस्क्लेमर: यहां शेयर में निवेश की सलाह ब्रोकरेज ने दी है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)