Swiggy Shares Bull vs Bear: 16% गिरेगा या 20% चढ़ेगा स्विगी का शेयर? पैसा लगाया है तो पढ़ लें रिपोर्ट
Swiggy Shares Bull vs Bear: Swiggy IPO की लिस्टिंग के पहले ही ब्रोकरेज हाउसेज की ओर से इसपर कवरेज की शुरुआत हो गई है. Macquarie और JM Financials ने यहां कवरेज इनीशिएट किया है, हालांकि, एक ब्रोकरेज की ओर से डाउनसाइड तो दूसरे के ओर से बड़ा अपसाइड निकलकर आ रहा है.
Swiggy Shares Bull vs Bear: क्विक कॉमर्स और फूड डिलीवरी कंपनी Swiggy Ltd. बुधवार (13 नवंबर) को शेयर बाजार में लिस्ट हुई है. कंपनी 11,327 करोड़ का IPO लेकर आई थी, जिसमें इशू प्राइस 390 रुपये रखा गया था. इसके मुकाबले शेयर Swiggy का शेयर BSE पर 5.6% प्रीमियम के साथ 412 रुपये पर लिस्ट हुआ है. बाद में यह 7.67 प्रतिशत चढ़कर 419.95 रुपये पर पहुंच गया. वहीं, NSE पर 7.7% प्रीमियम के साथ 420 पर लिस्ट हुआ है. कंपनी का बाजार मूल्यांकन शुरुआती कारोबार में 89,549.08 करोड़ रुपये रहा.
Swiggy Share Price
स्विगी का शेयर दोपहर 1 बजे के आसपास 1.73% की तेजी के साथ 427 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा था. इसमें इंट्राडे 449 रुपये का हाई बना था. इस दौरान कंपनी का मार्केट कैप 94,999 करोड़ के आसपास था.
Swiggy Shares पर ब्रोकरेज की राय
Swiggy IPO की लिस्टिंग के पहले ही ब्रोकरेज हाउसेज की ओर से इसपर कवरेज की शुरुआत हो गई है. Macquarie और JM Financials ने यहां कवरेज इनीशिएट किया है, हालांकि, एक ब्रोकरेज की ओर से डाउनसाइड तो दूसरे के ओर से बड़ा अपसाइड निकलकर आ रहा है.
Macquarie on Swiggy
ब्रोकरेज फर्म मैक्वायरी ने Swiggy पर 'Underperform' की रेटिंग दी है. Macquarie ने इसपर सतर्क रुख रखा है साथ ही Swiggy के ₹390 के इश्यू प्राइस के मुकाबले ₹325 का टारगेट प्राइस दिया है, जो कि आईपीओ प्राइस के मुकाबले 16% का डाउनसाइड टारगेट है.
Swiggy के सामने क्या हैं चुनौतियां? (Swiggy Share Outlook)
ग्रोथ की चुनौती: Macquarie का आकलन है कि Swiggy के मौजूदा बिजनेस मॉडल में अभी भी काफी सुधार की जरूरत है. कंपनी को प्रॉफिटेबल बनने में समय लगेगा, क्योंकि यह सेगमेंट अत्यधिक प्रतिस्पर्धी और चुनौतीपूर्ण है.
वोलेटाइल मुनाफा: Macquarie का मानना है किSwiggy के लिए मुनाफा कमाना एक बड़ा सवाल है. फूड डिलीवरी मार्केट में मार्जिन्स कम हैं, और क्विक कॉमर्स (जैसे Instamart) जैसे बिजनेस मॉडल में मुनाफा कमाने की स्थिरता को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.
Zomato से तुलना: Zomato के एडजस्टेड EBITDA और Swiggy के बीच बड़ा अंतर है. इसका मतलब है कि Swiggy को अपने ऑपरेशनल मेट्रिक्स में सुधार करने के लिए काफी मेहनत करनी होगी.
FY28 तक ब्रेकईवन की उम्मीद: ब्रोकरेज का कहना है कि Swiggy को EBIT स्तर पर ब्रेकईवन तक पहुंचने में FY28 तक का समय लग सकता है
क्विक कॉमर्स का जटिल मॉडल: Instamart जैसे क्विक कॉमर्स बिजनेस में डिमांड तो है, लेकिन सप्लाई चेन, ऑपरेशनल कॉस्ट और ग्राहक रिटेंशन जैसे मुद्दों के कारण यह थोड़ा कॉम्पलेक्स और रिस्की है.
कॉम्पिटिशन का दबाव: Zomato और अन्य लोकल और ग्लोबल प्लेयर्स से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते Swiggy के लिए अपने मार्केट शेयर को बनाए रखना एक चुनौती है.
इकॉनमिक स्लोडाउन का असर: महंगाई और उपभोक्ताओं की घटती खर्च करने की क्षमता का असर फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स बिजनेस पर पड़ सकता है.
JM Financial ने Swiggy पर दी BUY की राय
ब्रोकरेज फर्म JM Financial ने BUY की रेटिंग के साथ कवरेज इनीशिएट किया है. यहां IPO Price 390 के मुकाबले 470 रुपये का टारगेट प्राइस दिया गया है, जोकि 20.5% का अपसाइड है. ब्रोकरेज का कहना है कि आने वाले निकट भविष्य में भारत का फूड डिलीवरी मार्केट 20% की CAGR से ग्रो हो सकता है. Swiggy के लिए फूड डिलीवरी सेगमेंट में डुओपॉली स्थिर ग्रोथ और प्रॉफिट दिला सकती है. वहीं, Instamart में ग्रोथ की बड़ी संभावनाएं हैं. Swiggy कंजम्प्शन सेक्टर में बड़ा नाम बन रहा है, ऐसे में यहां खरीदारी की राय है.