Stocks to buy: लॉजिस्टिक एंड सप्लाई चेन स्‍पेस की कंपनी डेल्हीवरी (Delhivery) के स्‍टॉक पर ग्‍लोबल ब्रोकरेज हाउसेस ने अपनी इन्‍वेस्‍टमेंट स्‍ट्रैटजी जारी की है. ब्रोकरेज हाउसेस का मानना है कि भारत में ई-कॉमर्स इंडस्‍ट्री ग्रोथ धीमी पड़ी है. हालांकि, B2B से आने वाले समय में प्रॉफिटैबिलिटी आ सकती है. ब्रोकरेज ने स्‍टॉक के टारगेट भी रिवाइज किया. हाल में फेस्टिव सीजन से ई-कॉमर्स सेल्‍स से बूस्‍ट मिला. जिसका फायदा लॉजिस्टिक और सप्‍लाई चेन कंपनियों को भी हो रहा है. इस साल मई में डेल्‍हीवरी की लिस्टिंग हुई थी. लिस्टिंग के बाद से अबतक शेयर में करीब 38 फीसदी की गिरावट है.

Delhivery पर क्‍या है ब्रोकरेज की स्‍ट्रैटजी 

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ग्‍लोबल ब्रोकरेज हाउस HSBC ने डेल्‍हीवरी पर खरीदारी की राय बरकरार रखी है. हालांकि टारगेट प्राइस 701 रुपये से घटाकर 455 रुपये कर दिया है. ब्रोकरेज का मानना है कि लगातार दूसरी तिमाही में कमजोर रही है. बाजार के भरोसे के मुताबिक नतीजे नहीं रहे हैं. माना जा रहा है कि भारत में ई-कॉमर्स इंडस्‍ट्री की ग्रोथ धीमी हुई है. डेल्‍हीवरी का कारोबार खास तौर से एक ऑपरेटिंग लीवरेज बिजनेस है. 

जेफरीज (Jefferies) ने डेल्‍हीवरी पर खरीदारी की राय बरकरार रखी है. साथ ही प्रति शेयर टारगेट प्राइस 700 रुपये रखा है. 23 नवंरब 2022 को स्‍टॉक का भाव 326 रुपये पर बंद हुआ था. इस तरह करंट प्राइस से निवेशकों को इस शेयर में आगे 114 फीसदी से ज्‍यादा का रिटर्न देखने को मिल सकता है. 

जेफरीज का कहना है कि कंपनी के B2C में टेम्‍परेरी वर्सेस स्‍ट्रक्‍चरल स्‍लोडाउन है. B2B में तेजी प्रॉफिटेबिलिटी फोकस के साथ होगी. मौजूदा भाव पर 3-5 साल में 6-8 फीसदी एक्‍सप्रेस पार्सल ग्रोथ रह सकती है. जो पहले 25 फसीदी के लेवल पर थी. B2B  की ग्रोथ का अनुमान, ऑपरेटिंग लीवरेज और लो ई-कॉमर्स पेनिट्रेशन अंडरएस्टिमेंट है. 

बता दें, सितंबर तिमाही (Q2FY23) के दौरान डेल्‍हीवरी का घाटा कम होकर 2545 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले की इसी अव‍धि में 635 करोड़ रुपये था. जून 2022 तिमाही में यह 399 करोड़ रुपये पर था. Q2FY23 के दौरान कंपनी का रेवेन्‍यू 22 फीसदी बढ़कर 1796 करोड़ रुपये हो गया. जो पिछले साल की इसी तिमाही में 1497 करोड़ रुपये था.

Delhivery: 24 मई को हुई थी लिस्टिंग

डेल्हीवरी आईपीओ की इस साल 24 मई को बाजार में लिस्टिंग हो गई है. BSE पर ये शेयर 493 रुपये पर लिस्ट हुआ, जबकि NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 495 रुपये पर लिस्टिंग हुई थी. शेयर कर इश्यू प्राइस 487 रुपये था. इस तरह, बीएसई पर यह स्‍टॉक 6 रुपये और एनएसई पर 8 रुपये प्रीमियम के साथ लिस्ट हुआ था. बता दें कि ये आईपीओ 11-13 मई के लिए खुला था और 13 मई यानी अपने इश्यू के आखिरी दिन ये आईपीओ पूरा भरा था. कंपनी ने शेयर का प्राइस बैंड 462-487 रुपये प्रति शेयर तय किया था. लिस्टिंग के समय ही कंपनी की वैल्युएशंस महंगी बताई गई थी. 

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां स्‍टॉक्‍स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.) 

 

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