Sensex-Nifty in 2023: नए साल में शेयर बाजार में एक अच्‍छी रिकवरी देखने को मिल सकती है. मौजूदा हालात को देखते हुए निफ्टी के दिसंबर 2023 तक 19,500 के स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है. ग्‍लोबल मैक्रो-इकोनॉमिक और जियो-पॉलिटिकल सेट-अप में अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं होता है, तो सेंसेक्स 64,500 के लेवल तक पहुंच सकता है. इस तरह, बेंचमार्क इंडेक्‍स में मौजूदा लेवल से 7-8 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिल सकती है. एमके इंस्‍टीट्यूशनल इक्विटीज (Emkay Institutional Equities) ने 2023 के लिए मार्केट को लेकर अपना आउटलुक जारी किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2023 में निफ्टी-50 कंपनियों के नेट प्रॉफिट में इजाफा देखने को मिलेगा, जिसकी अगुवाई बैंकिंग, ऑटो OEMs एंड एन्सिलरीज, ऑयल एंड गैस और आईटी कंपनियां करेंगी.

मंदी, फेड, ब्‍याज दरें अहम फैक्‍टर 

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रिपोर्ट के मुताबिक, मार्केट के लिहाज से डॉलर इंडेक्‍स में मूवमेंट, ग्‍लोबल मंदी गहराने की आशंका और फेड के आगे के एक्‍शन अहम फैक्‍टर होंगे. घरेलू स्‍तर पर बात करें, तो RBI आगे सख्‍त रुख में नरमी दिखा सकता है. उम्‍मीद है कि रिजर्व बैंक यूएस फेड के कदमों पर आगे चले. केंद्रीय बैंक की ओर से ब्‍याज दरों में कटौती कर शुरू होती है, इस पर मार्केट की नजर रहेगी.  

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ (इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज) नीरव शेठ का कहना है, कई वजहों से डॉलर इंडेक्स में उतार-चढ़ाव चिंता का कारण बना हुआ है. यूएस फेड और RBI की ओर से ब्‍याज दरों में अगली बढ़ोतरी से संबंधित करेंसीज मजबूत होंगी. आरबीआई 2023 की दूसरी तिमाही (2QCY23) तक लंबे समय के लिए ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी पर विराम लगा सकता है.

बाजार के सामने हैं ये चैलेंज 

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड (इंस्टीट्यूशनल रिसर्च) संजय चावला का कहना है, लंबे समय तक ऊंची ब्याज दरें और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में उछाल आने वाले 6-12 महीनों में बाजार के लिए एक चैलेंज रह सकते हैं. सरकार की ओर से कैपेक्‍स इन्‍सेंटिव बजट से निवेश को बूस्‍ट मिल सकता है. हालांकि, ग्‍लोबल और घरेलू स्‍तर पर ग्रोथ की अनिश्चितताओं के चलते भी सुस्‍ती आ सकती है. मौजूदा हालात को देखते हुए साल 2023 के आखिर तक निफ्टी-50 की फेयर वैल्‍यू करीब 19,500 रह सकती है. उम्मीद है कि 2023 में निफ्टी-50 की कुल प्रॉफिट ग्रोथ करीब 15 फीसदी रहेगी. 

 

(डिस्‍क्‍लेमर: शेयर बाजार में निवेश की सलाह इक्विटी रिसर्च फर्म की ओर से दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार  नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.) 

 

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