निवेशकों के पैसे का शेयर ब्रोकरों के हाथों दुरुपयोग रोकने की कवायद, SEBI ने दिया फंड को ब्लॉक करने की सुविधा का प्रपोजल
SEBI News: शेयर बाजारों में खरीद-फरोख्त के लिए कोष या फंड को ब्लॉक (Blocking Funds) करने की सुविधा मिलने से निवेशकों को बैंक खाते में रोकी गई राशि पर कारोबार करने की सहूलियत मिल पाएगी.
SEBI News: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने मंगलवार को शेयर बाजार (share market) में कारोबार के लिए फंड्स को ब्लॉक करने की सुविधा का प्रस्ताव रखा है. इस कदम से निवेशकों के पैसे का शेयर ब्रोकरों (stock brokers) के हाथों दुरुपयोग रोकने में मदद मिलेगी. भाषा की खबर के मुताबिक, यह सुविधा प्राथमिक बाजार या आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के मामले में पहले से है. इसमें निवेशक के खाते से पैसा तभी कटता है, जब उसे आईपीओ के तहत शेयर अलॉट करने की सूचना दी जाती है. सेबी ने इस प्रस्ताव पर 16 फरवरी तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं.
पैसा शेयर ब्रोकर को भेजने की जरूरत ही खत्म हो जाएगी
खबर के मुताबिक, सेबी ने अपने एक परामर्श पत्र में कहा है कि शेयर बाजारों में खरीद-फरोख्त के लिए कोष या फंड को ब्लॉक (Blocking Funds) करने की सुविधा मिलने से निवेशकों को बैंक खाते में रोकी गई राशि पर कारोबार करने की सहूलियत मिल पाएगी. इस तरह निवेशकों को अपना पैसा शेयर ब्रोकर (stock brokers)को भेजने की जरूरत ही खत्म हो जाएगी. इसके अलावा फंड ब्लॉक की सुविधा से पे-इन और पे-आउट दोनों सेवाएं मुहैया करा पाएंगे. यह काम ग्राहक या निवेशक और क्लियरिंग निगम के बीच कोष एवं प्रतिभूतियों के सीधे निपटान के जरिये किया जाएगा.
पूंजी से जुड़े जोखिम भी कम होंगे
सेबी (SEBI) ने कहा कि इस प्रक्रिया से ग्राहकों की पूंजी का शेयर ब्रोकर (stock brokers) के स्तर पर दुरुपयोग नहीं हो पाएगा और उनकी पूंजी से जुड़े जोखिम भी कम होंगे. मौजूदा व्यवस्था के तहत ग्राहकों का पैसा शेयर ब्रोकर एवं क्लियरिंग सदस्य से होते हुए क्लियरिंग कॉर्पोरेशन तक पहुंचता है. इसी तरह क्लियरिंग कॉर्पोरेशन की तरफ से जारी की गई राशि ग्राहक तक पहुंचने के पहले क्लियरिंग सदस्य और शेयर ब्रोकर के पास जाती है. क्लियरिंग कॉर्पोरेशन अपने सदस्यों को अंतिम निपटान निर्देश हर दिन जारी करते हैं लेकिन ग्राहकों के स्तर पर देनदारियों का निपटारा शेयर ब्रोकर ही करते हैं.
पैसा ग्राहक के खाते में ही बना रहेगा लेकिन...
प्रस्तावित मॉडल के तहत पैसा ग्राहक के खाते में ही बना रहेगा लेकिन उसे क्लियरिंग कॉर्पोरेशन के पक्ष में ब्लॉक कर दिया जाएगा. ब्लॉक की तय अवधि खत्म होने या निगम की तरफ से उसे हटाए जाने तक यह राशि ब्लॉक ही रहेगी. क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ग्राहक के खाते से उतनी ही राशि निकाल पाएंगे जितनी राशि ब्लॉक की गई थी.
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