Power PSU Stocks: शेयर बाजार बुधवार (8 अक्टूबर) को उतार-चढ़ाव रहा. मार्केट में इस उठापटक के बीच पावर सेक्टर को फाइनेंस करने वाली दो दिग्गज PSU कंपनियों PFC, REC में तेजी रही. ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) ने इन दोनों मल्टीबैगर  Power PSU Stocks पर कवरेज की शुरुआत की है. ब्रोकरेज का कहना है कि भारत के एनर्जी ट्रांजिशन में इन दोनों कंपनियों का बड़ा रोल होगा. देश के पावर सेक्टर में अगले दशक में बड़ा निवेश आने वाला है. जिसका फायदा  PFC, REC जैसी कंपनियों को मिलेगा. इन दोनों PSU Stocks में बीते एक साल में निवेशकों का पैसा डबल हुआ है. 

PFC: कवरेज शुरू, ₹560 टारगेट 

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मोतीलाल ओसवाल ने पावर फाइनेंस कंपनी (PFC) पर BUY रेटिंग के साथ कवरेज की शुरुआत की है. स्टॉक पर टारगेट प्राइस 560 रुपये प्रति शेयर रखा है. 9 अक्टूबर 2024 को शेयर 1.11 फीसदी उछलकर 471 पर बंद हुआ. इस तरह मौजूदा भाव से स्टॉक आगे करीब 18-20 फीसदी उछल सकता है. 

बीते एक साल में यह शेयर निवेशकों का पैसा डबल कर चुका है. करीब 96 फीसदी रिटर्न मिला है. जबकि 5 साल में शेयर 550 फीसदी का तगड़ा रिटर्न निवेशकों को दे चुका है. स्टॉक का 52 वीक हाई 580 और लो 225.50 है. 

REC: कवरेज शुरू, ₹630 टारगेट 

मोतीलाल ओसवाल ने REC पर BUY रेटिंग के साथ कवरेज की शुरुआत की है. स्टॉक पर टारगेट प्राइस 630 रुपये प्रति शेयर रखा है. 9 अक्टूबर 2024 को शेयर 1.48 फीसदी उछलकर 532 पर बंद हुआ. इस तरह मौजूदा भाव से स्टॉक आगे करीब 18-20 फीसदी उछल सकता है. 

बीते एक साल में यह शेयर निवेशकों का पैसा डबल कर चुका है. करीब 90 फीसदी रिटर्न मिला है. जबकि 5 साल में शेयर 480 फीसदी का तगड़ा रिटर्न निवेशकों को दे चुका है. स्टॉक का 52 वीक हाई 654 और लो 259.45 है. 

PFC, REC: क्या है ब्रोकरेज की कमेंट्री 

मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि भारतीय पावर सेक्टर में अगले दशक के दौरान निवेश का भारी अवसर बनेगा. करीब 42 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की जरूरत होगी. आने वाले समय में पावर सेक्टर की ग्रोथ 7 फीसदी सीएजीआर रह सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि देश की जीडीपी बढ़ रही है और पावर डिमांड के नए ड्राइवर्स आ रहे हैं. पावर सेक्टर एक ट्रांजिशन से गुजर रहा है. भारत अगले पांच वर्षों में 250GW नए पावर जेनरेशन कैपेसिटी जोड़ेगा, जो बीते 5 सालों में जोड़ी गई 86GW क्षमता से लगभग तीन गुना ज्यादा है. PFC और REC दोनों को पावर सेक्टर कैपेक्स में रिवाइवल का फायदा होगा. 

ब्रोकरेज का कहना है, पहले पावर सेक्टर खासकर थर्मल प्रोजेक्ट्स में हाई एनपीए के जूझ रहा था. हालांकि, फिलहाल स्थिति काफी अलग है, क्योंकि PFC और REC की ओर से दिए गए ज्यादातर कर्ज अब सरकारी संस्थाओं या प्राइवेट रिन्युएबल एनर्जी कंपनियों को दिए जा रहे हैं, जिनमें से दोनों में ही डिफॉल्ट रिस्क कम है. GNPA और NNPA रेश्यो कई साल के निचले स्तर पर हैं, क्योंकि पावर सेक्टर में पिछले तीन वर्षों में कई स्ट्रेस्ड एसेट्स का रिजॉल्यूशन हुआ है. 

ब्रोकरेज का कहना है,  PFC के लिए FY24-FY27 के दौरान 15% की लोन बुक CAGR और 12% की PAT CAGR की उम्मीद है. यह 2.9%/19% के RoA/RoE और FY27E में करीब 4.2% के डिविडेंड यील्ड के लिए है. PFC (स्टैंडअलोन) FY26E कोर P/ABV के 1.0x पर ट्रेड कर रहा है, और रिस्क रिवॉर्ड आकर्षक है.  REC के लिए FY24-FY27 के दौरान 18% की लोन बुक CAGR और 15% की PAT CAGR का अनुमान है. यह FY27E में 2.6%/21% के RoA/RoE और करीब 4.7% डिविडेंड यील्ड के लिए है. REC FY26E P/ABV के 1.4x पर ट्रेड कर रहा है. 

 

(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक्स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज ने दी है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)