Editors Take: अमेरिकी बाजारों में रनिंग करेक्‍शन के बीच भारतीय शेयर बाजारों में बुल रन (Bull Run) देखा जा रहा है. बुधवार को बेंचमार्क इंडेक्‍स सेंसेक्‍स ने कारोबारी सेशन के दौरान रिकॉर्ड हाई बनाया और नए रिकॉर्ड पर बंद भी हुआ. वहीं, निफ्टी भी अपने रिकॉर्ड हाई के करीब रहा. मिडकैप इंडेक्‍स ने कल (21 जून) को लाइफ टाइम हाई बनाया. इससे पहले 20 जून के सेशन में स्‍माल कैप फंड ने लाइफ टाइम हाई बनाया था. ऐसे में यह सवाल अहम है कि बुल रन मार्केट में क्‍या करना चाहिए. ट्रेड की स्‍ट्रैटजी क्‍या होनी चाहिए. क्‍योंकि, ऐसा नहीं है कि बाजार हर समय हरे निशान में रहे. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी से जानते हैं बुल रन में ट्रेड करने का क्‍या है फॉर्मूला. 

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मार्केट गुरु अनिल सिंघवी का कहना है, तेजी के मार्केट यानी बुल मार्केट को ट्रेड करने का एक ही फॉर्मूला है कि आपको अपना स्‍टॉपलॉस (Stoploss) पता होना चाहिए. इसकी समझ जरूर रखें कि डाउनसाइड क्‍या है और रिस्‍क कहां तक किस लेवल तक की लेनी है. बुल रन में अपसाइड अनलिमिटेड है. क्‍योंकि हर बार बुल मार्केट में नया हाई बनता है. जो पुराने हाई से उपर होता है. हर बार पिछले हाई से नया हाई बनता है, जो आपको पता नहीं होता है. बुल रन में निफ्टी का नया हाई 18887 या 19 हजार या 23 हजार होगा, ये पता नहीं है. ऐसे में जो आपको मालूम है, उस पर फोकस करना चाहिए. 

रोज बनेगा पैसा बशर्ते...

अनिल सिंघवी का कहना है, आपको जो पता है यानी रिस्‍क और नीचे का स्‍टॉपलॉस, उस पर फोकस करना चाहिए. अगर इससे नीचे मार्केट जाएगा, तब तेजी की पोजिशन से निकलना है. जब तक वह लेवल नहीं आता है, जब तक तेजी का माहौल एन्‍जॉय करते रहना है.  

उनका कहना है, मंदी होगी और यहीं होगी. जब होगी तब पता चल जाएगा. ऐसे में तेजी के समय में रनिंग करेक्‍शन में सपोर्ट लेवल और अहम सपोर्ट लेवल पर खरीदारी करनी चाहिए. दूसरा तरीका यह है कि इस तरह के मार्केट में टुकड़ों-टुकड़ों में खरीदारी करें और उसी तरह बेचे. इसमें आपको रेंज डिफाइन कर लेनी चाहिए. स्‍टॉप लॉस को हमेशा फालो करना है. इस अनुशासन के साथ बढ़े मार्केट में रोज आपका पैसा बनेगा. इसमें आपका अनुशासन, स्किल और ट्रेड करने का टेम्‍परामेंट होना चाहिए.