1 जनवरी से दमदार तैयारी! डिफेंस थीम पर और बनेगा पैसा, इन सेक्टर्स में दिखेगी तेजी; जानिए बाजार पर एक्सपर्ट की राय
2023 Stock Market and Sector outlook: एक्सपर्ट का मानना है कि 2023 में डिफेंस थीम और तेजी से उभरकर सामने आएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले साल एक्सपोर्ट और भारतीय नौसेना के लिए जहाज बनाने वाली कंपनियों की पसंद के साथ डिफेंस सेक्टर मजबूती के साथ सामने आया है.
2023 Stock Market and Sector outlook: साल 2022 शेयर बाजार के लिए काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा. बाजारों में तेजी-मंदी का दौर बना रहा. उठापटक के बावजूद ग्लोबल बाजारों के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार पॉजिटिव रिटर्न देने में सफल रहे. साल 2022 को PSU बैंकिंग स्पेस के रिवाइवल के लिए जाना जाएगा. साल 2023 की बात करें, तो इकोनॉमी के मैक्रो बेहतर होने की उम्मीद है. भारत की GDP ग्रोथ कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा रहने का अनुमान है. साल 2023 में ग्लोबल कंजम्प्शन और सप्लाई लाइन धीरे-धीरे सामान्य होने की उम्मीद है. एक्सपर्ट का मानना है कि 2023 में डिफेंस थीम और तेजी से उभरकर सामने आएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले साल एक्सपोर्ट और भारतीय नौसेना के लिए जहाज बनाने वाली कंपनियों की पसंद के साथ डिफेंस सेक्टर मजबूती के साथ सामने आया है.
मोतीलाल ओसवाल की सेबी रजिस्टर्ड सब्सिडियरी तेजी मंदी के हेड ऑफ रिसर्च अनमोल दास का कहना है, वित्त वर्ष 2023 के लिए RBI और IMF दोनों ने भारत की GDP में 6.8% की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है. IMF को साल 2023 के लिए 6.1% की ग्रोथ की उम्मीद है, जो कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है. रिटेल महंगाई दर (CPI) केंद्रीय बैंक के लिए मुश्किल का सबब रही है, जो नवंबर में 5.88% पर आ गई. भले ही यह आरबीआई की टॉरलेंस रेंज 4-6% की ऊपरी सीमा से थोड़ी ही कम हो, लेकिन यह तेजी से बढ़ते लिक्विडिटी एब्सॉर्पशन रेट हाइक सायकल से कुछ राहत दे रहा है.
2022 में कहां तेजी, कहां रही मंदी?
अनमोल दास का कहना है, 2022 की बात करें, तो पीएसयू बैंक उन प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के साथ पिछले साल की कीमतों की तुलना में 60-65% से ज्यादा की रैली कर रहे हैं, जो बड़े बैंकों की पिछली रैली में पिछड़ गए थे. हालांकि स्टील और मेटल की गिरती कीमतों ने मेटल सेक्टर से पिछले साल की चमक फीकी की. लेकिन सप्लाई की चुनौतियों के साथ-साथ कमोडिटी की कीमतें बढ़ने से प्रोडक्ट्स के दाम में भी इजाफा देखने को मिला. इसके बाद मेटल इंडेक्स में डाउनस्ट्रीम कंपनियों ने रैली को और आगे बढ़ाया. महामारी के दौरान मांग में कमी के बाद सेमीकंडक्टर उपलब्धता की मुश्किलों को हल करने से ऑटो सेक्टर में अच्छे रिटर्न देखने को मिले. वहीं, कोरोना से जुड़े सभी प्रतिबंध के हटने से कंज्पशन वॉल्यूम में बढ़ोतरी हुई, जिससे FMCG कंपनियों को राहत मिली. बढ़ती ब्याज दरों का असर प्रॉपर्टी मार्केट पर हुआ.
उनका कहना है, रूस-यूक्रेन टेंशन ने महामारी के बाद ग्लोबल रिकवरी पर ब्रेक लगाया. जिसकी वजह से महंगाई का सामना करना पड़ रहा है. रूस-यूक्रेन संघर्ष ने कमोडिटी और कच्चे तेल की सोर्सिंग के साथ-साथ अन्य देशों की मांग को भी प्रभावित किया है.
2023 में कैसे होंगे मैक्रो?
अनमोल दास का कहना है, वित्त वर्ष 2023 के लिए RBI और IMF दोनों ने भारत की GDP में 6.8% की बढ़ोतरी होने का अनुमान लगाया गया है. वहीं IMF को साल 2023 के लिए 6.1% ग्रोथ की उम्मीद है, जो कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है. CPI महंगाई दर जो केंद्रीय बैंक के लिए मुश्किल का सबब रही है, नवंबर में 5.88% पर आ गई। भले ही यह आरबीआई की टॉरलेंस रेंज 4-6% की ऊपरी सीमा से थोड़ी ही कम हो, लेकिन यह तेजी से बढ़ते लिक्विडिटी एब्सॉर्पशन रेट हाइक सायकल से कुछ राहत दे रहा है. हमारा मानना है कि भारत ने ग्लोबल चैलेंजेज और फंड फ्लो के इम्पैक्ट के खिलाफ फ्लैक्सिबिलिटी डेवलप कर दी है.
2023 में डिफेंस नई सेक्टर थीम!
एक्सपर्ट का कहना है, डिफेंस एक्सपोर्ट और भारतीय नौसेना के लिए जहाज बनाने वाली कंपनियों की पसंद के साथ डिफेंस सेक्टर मजबूती के साथ सामने आया है. जहाज बनाने वाली कंपनियों के लिए मजबूत पक्ष यह रहा कि कई बड़े नौसैनिक जहाजों की डिलीवरी टाइमलाइन को एक के बाद एक कमीशन किया जाता रहा. साथ ही ऑर्डर बुक को पूरा करने के लिए और ऑर्डर दिए गए. जबकि आत्मनिर्भर भारत अभियान भारत के डिफेंस इंडस्ट्रियल सेक्टर को शुरू करने की लॉन्ग टर्म योजना के लिए बूस्ट है. यह आयातित डिफेंस गियर, हथियारों और गोला-बारूद पर खर्च किए गए विदेशी मुद्रा को बचाएगा. साथ ही डिफेंस एक्सपोर्ट से देश के गौरव और दबदबे को बढ़ाने में मदद करेगा।
उनका कहना है कि यह सेक्टर अभी शुरू हुआ है. इस सेक्टर के आगे मजबूती से बढ़ने संभावना है. भारत के डिफेंस सेक्टर को एक लंबा रास्ता तय करना है. इसके साथ ही यह अल्ट्रा लॉन्ग टर्म स्टॉक के रूप में आकर्षक बना रहेगा.
2023: बाजार कहां दिखाएगा तेजी
अनमोल दास का कहना है, 2023 में ग्लोबल कंजम्प्शन और सप्लाई लाइन ट्रेंड सामान्य होने की उम्मीद है. इक्विटी बाजारों की बात करें, तो हमारा मानना है कि अगले 1-2 साल तक पीएसयू बैंकों की री-रेटिंग जारी रहेगी. उच्च स्तर पर पहुंचने से पहले बढ़ी हुई ब्याज दरों के चलते एसेट क्वालिटी गिरना शुरू हो जाती है. हाई क्रेडिट ग्रोथ रेट कुछ बैंकों के लिए बीबीबी ग्रेड से कम क्रेडिट अंडरराइटिंग दिखाई दे सकती है.
बेंचमार्क इंडेक्स के लिए हम उम्मीद कर रहे हैं कि भारतीय आईटी कंपनियों की एट्रिशन रेट की समस्या जल्द ही दूर हो जाएगी क्योंकि ज्यादातर ऑफिस फिर से शुरू हो गए हैं और 2022 की मूनलाइटिंग की यादें पीछे छूट गई है. इसलिए अगली रैली की अगुवाई आईटी सेक्टर कर सकता है. जिन अन्य सेक्टर में अच्छी स्थिति देखने को मिल सकती है, उनमें FMCG, कैपिटल गुड्स, ऑटो और ऑटो-सहायक कंपनियां शामिल हैं.
उनका कहना है, बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की ओर से मॉर्गेज लोन इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी के कारण कंस्ट्रक्शन सेक्टर, खासकर रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी और डेवलपर्स सेगमेंट से कम उम्मीदें हैं. NBFC’s भी कुछ समय के लिए स्ट्रगल दिखेगा. इसके अलावा, अगले 3-6 महीने तक स्पेशलिटी केमिकल सेक्टर में दबाव दिख सकता है. मेटल और स्टील इंडस्ट्री में साल 2023 के लिए वास्तविक कीमतें कम रह सकती हैं, जिससे डाउनस्ट्रीम बिजनेस को लाभ होगा.
(डिस्क्लेमर: यहां शेयर बाजार में निवेश की सलाह एक्सपर्ट द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
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