बजट के बाद क्या करें लॉन्ग टर्म निवेशक? किन शेयरों में लगाना चाहिए पैसा; जानें Budget पर अनिल सिंघवी की राय
आज बाजार दायरे में कारोबार कर रहे हैं. कल भी बजट के बीच बड़ी गिरावट आने के बाद बाजार संभल गए थे, लेकिन बजट से आई खबरों पर बाजार का निगेटिव रिएक्शन साफ दिखाई दे रहा है.
देश के आम बजट के बाद शेयर बाजार में कमजोरी दिखाई दे रही है. आज बाजार दायरे में कारोबार कर रहे हैं. कल भी बजट के बीच बड़ी गिरावट आने के बाद बाजार संभल गए थे, लेकिन बजट से आई खबरों पर बाजार का निगेटिव रिएक्शन साफ दिखाई दे रहा है. ऐसे में लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए क्या व्यू बन रहा और अब बाजार में कहां पैसा लगाना है, इसपर मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने विश्लेषण किया है.
बजट में क्या है पॉजिटिव?
- वित्तीय घाटा 5% से नीचे
- युवाओं का रोजगार बढ़ाने पर फोकस
- छोटे कर दाताओं को राहत से कंज्म्पशन बढ़ेगा
बजट में क्या है निगेटिव?
- कैपिटल गेन टैक्स और STT बढ़ना निगेटिव
- गोल्ड और प्रॉपर्टी में अब टैक्स बेनिफिट ज्यादा
- गोल्ड खरीदना हुआ ज्यादा आकर्षक
- 5 साल के रोडमैप और विकसित भारत का ज्यादा जिक्र नहीं
बजट और बाजार
- चुनाव के नतीजे और बजट दोनों ही उम्मीद के मुताबिक नहीं
- बाजार ने दो स्ट्रेस टेस्ट Full Marks से पास किए
- बाजार की गिरावट कम हुई और कम समय के लिए भी
- गिरावट से ज्यादा तेज है रिकवरी
- पैसे में है बड़ी ताकत बाजार ने देख लिया
- ज्यादातर लोग और फंड हैं Under Invested, भारी-भरकम कैश लेकर बैठे हैं
- इवेंट के बाद गिरावट में सभी को लगाना है पैसा
- ऐसे में बड़ी गिरावट आए तो कैसे?
- जब तक रिटेल के फ्लो मजबूत हैं, तब तक ज्यादा घटेगा नहीं
बजट के बाद बाजार पर क्या है नजरिया
- Long Term View में कोई बदलाव नहीं
- पैसा बनेगा लेकिन थोड़ा कम भी और धीमे भी
- इंडेक्स मैनेजमेंट होता रहेगा, कुछ सेक्टर्स मजबूत होंगे कुछ में आएगी प्रॉफिट बुकिंग
- इंडेक्स को FMCG, IT, फार्मा देंगे सपोर्ट
- मेटल और बैंक रहेंगे ढीले
- PSU में महंगे शेयर घटेंगे, ऑयल & गैस जैसे सस्ते शेयरों में रहेगी खरीदारी
- निफ्टी 24000-25000 की रेंज में करेगा Time Pass
- निफ्टी में 24000-24200 रहेगा मजबूत सपोर्ट, 24800-25000 में आएगी प्रॉफिट बुकिंग
- बैंक निफ्टी ICICI और Axis के नतीजे आने तक न्यूट्रल से निगेटिव
- FIIs इंडेक्स लॉन्ग पोजीशन अभी भी ज्यादा 74% पर
- FIIs की बिकवाली आई तो ही बाजार में रिस्क
- बड़ी ब्लॉक डील्स और IPOs ज्यादा आए तो लिक्विडिटी होगी कम