शेयर बाजार (Share Market) में रिकॉर्ड तेजी जारी है. बाजार के प्रमुख इंडेक्स निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) नए रिकॉर्ड हाई पर ट्रेड कर रहे हैं. निफ्टी ने मंगलवार को अबतक का सर्वोच्च स्तर (Nifty record level) 18671 छुआ. वहीं सेंसेक्स भी (Sensex record level) 62,877 का उच्चतम स्तर टच कर चुका है. बाजार की तेजी में निवेशकों ने जबरदस्त मुनाफा कमाया. अगर आप तगड़े मुनाफे से चूक गए हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है. ग्लोबल रिसर्च फर्म (Global Research Firm) की माने तो बाजार में तेजी का सफर जारी रहने वाला है. प्रमुख इंडेक्स 2023 के अंत तक फिर से नया रिकॉर्ड स्तर छुएंगे.

सेंसेक्स पर क्या है आउटलुक?

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ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley on Sensex) को दिसंबर 2023 तक सेंसेक्स 80,000 तक पहुंचने की उम्मीद जताई है. हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि भारत ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्सेज में शामिल हो, तेल और खाद सहित कमोडिटीज की कीमतों में गिरावट आए. साथ ही FY22-25 के दौरान कमाई 25 फीसदी की दर से बढ़े. 

ब्रोकरेज रिपोर्ट के मुताबिक तेजी के माहौल में (Sensex in bull run) इंडेक्स 80 हजार का स्तर छूएगा. जबकि अगर किसी वजह से बिकवाली का दौर आता है तो इंडेक्स फिसलकर 52 हजार तक भी पहुंच सकता है. हालांकि, कुछ परिस्थितियों में सेंसेक्स 68500 का स्तर भी पार कर सकता है.

निफ्टी पर ग्लोबल ब्रोकरेज का आउटलुक

ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs on Nifty) ने कहा कि 2023 के अंत तक निफ्टी 20500 तक पहुंच सकता है. यह इंडेक्स के मौजूदा स्तर से करीब 12 फीसदी की तेजी का अनुमान है. जबकि विदेशी निवेशकों के निवेश की गति कमजोर रहने की आशंका है. बावजूद इसके की चीन में जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy in China) के चलते FIIs का सेंटीमेंट कमजोर है. 

अगले साल तक चीन में कोरोना (Corona in China) के बाद रीओपनिंग से निवेश बढ़ने का अनुमान है. यही वजह है कि भारतीय बाजार को लेकर पहली छमाही में FIIs सेंटीमेंट कमजोर रहने की आशंका है. ब्रोकरेज रिपोर्ट के मुताबिक FIIs का रुख भारतीय बाजार को लेकर 2023 की दूसरी छमाही में पॉजिटिव होगा. क्योंकि तब तक भारतीय इकोनॉमी ग्रोथ (Indian Economic Growth) और डॉलर रिजर्व (India dollar reserve) में सुधार दिखने लगेगा. साथ ही ग्लोबल मैक्रोइकोनॉमी का भी सपोर्ट मिलेगा. 

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FPIs की खरीदारी लौटने से टेंशन हुई कम

बता दें कि सितंबर 2021 से जुलाई 2022 के दौरान विदेशी निवेशकों (FPIs selling in indian share market) ने करीब 35 अरब डॉलर के शेयरों की बिकवाली की. बिकवाली का यह आंकड़ा 2008 में आए आर्थिक संकट के दौरान हुई बिकवाली का दोगुना से भी ज्यादा है. तब विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 15 अरब डॉलर के शेयरों की बिकवाली की थी. हालांकि, 2022 में अगस्त से अबतक के आंकड़ों को देखें तो निवेशकों (FPIs buying in share market) ने 11 अरब डॉलर के शेयरों की खरीदारी की है.