Intraday Funding norms: इंट्रा डे ट्रेडिंग पर बैंकों की सख्ती के मामले पर अब ब्रोकर्स रेगुलेटर्स से गुहार लगाने की तैयारी कर रहे हैं. ब्रोकर्स के मुताबिक सेबी के जरिए अगर रिजर्व बैंक तक बात पहुंचाई जाएगी तो मुमकिन है कि उनकी दिक्कतों को गंभीरता से लिया जाए. ब्रोकर्स की सेबी के जरिए RBI तक बात पहुंचाने की तैयारी है. हाल ही में एक निजी बैंक पर पेनल्टी के बाद इंट्राडे फंडिंग को बैंकों ने सख्त कर दिया है. नियम कड़े होने से इंस्टीट्यूशनल सौदों की लागत में इजाफा हो सकता है. 

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सूत्रों के मुताबिक,  ब्रोकर्स इंट्रा डे फंडिंग की दिक्कतों पर रेगुलेटर्स से गुहार लगाएंगे. ब्रोकर्स की सेबी के जरिए RBI तक बात पहुंचाने की तैयारी है. इंट्राडे फंडिंग में सख्ती से FPIs के सौदों पर असर मुमकिन है. ब्रोकर्स की दलील है कि बैंक रिस्क देखकर ही इंट्राडे फंडिंग करते थे. इंट्राडे फंडिंग ब्रोकर और बैंक के आपसी भरोसा पर होता रहा है. 

सूत्रों का कहना है कि नियम कड़े होने से इंस्टीट्यूशनल सौदों की लागत में इजाफा होगा. बैंकों ने 80 फीसदी ब्रोकर्स के इंट्राडे सौदों के एक्सपोजर बंद किए. बैंकों की सख्ती का F&O वाले सौदों पर असर पड़ने के आसार हैं. इंट्रा डे ट्रेड फंडिंग पर कम से कम 50 फीसदी मार्जिन लेना जरूरी है.

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एक्सिस बैंक पर लगी थी पेनल्‍टी 

रिजर्व बैंक के एक्सिस बैंक पर पेनल्टी के बाद सख्ती बढ़ी है. सूत्रों के मुताबिक, अप्रैल के पहले हफ्ते में RBI ने एक्सिस बैंक पर पेनल्टी लगाई थी. कई बैंक रिजर्व बैंक नियमों के खिलाफ इंट्राडे फंडिंग कर रहे थे. मार्जिन में अनलिस्टेड शेयर देकर कुछ बैंक इंट्राडे फंडिंग करते थे. मौजूदा नियमों के मुताबिक लिक्विड असेट के बदले ही बैंक इंट्रा डे फंडिंग कर सकते हैं.